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August 11, 2025
हिमाचल में इंसानी करामात: जहां डूबा पूरा शहर, वहां बना दी सबसे बड़ी झील
बिलासपुर में है सबसे बड़ी झील
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की खूबसूरती में प्रदेश की मानव निर्मित झीलों का योगदान भी है। ये झीलें बड़े-बड़े बांधों के निर्माण से बनी हैं। हिमाचल की ये झीलें सिर्फ पर्यटन स्थल नहीं बल्कि बिजली, सिंचाई और पानी की आवश्यकता को पूर्ण कर प्रदेश के विकास में भी अहम भूमिका निभाती हैं। आइए जानते हैं प्रदेश की उन झीलों के बारे जो मानव निर्मित हैं यानी मैन मेड हैं।
हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील प्रदेश के बिलासपुर जिले में है। इसका निर्माण भारत के सबसे बड़े बांधों में से एक भाखड़ा बांध की वजह से हुआ था। इसका नाम दसवें सिख गुरु गोविंद सिंह जी के सम्मान में रखा गया था।
ये झील बिजली उत्पादन और सिंचाई के लिए तो जरूरी है ही, ये एक फेमस टूरिस्ट प्लेस भी है। इस झील के निर्माण की वजह से बिलासपुर का पुराना शहर डूब गया था। इसके चलते सैकड़ों परिवार विस्थापित हुए थे।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित पौंग झील का निर्माण पौंग बांध की वजह से हुआ था। इसका नाम मेवाड़ के प्रसिद्ध योद्धा महाराणा प्रताप के नाम पर रखा गया है।
ये झील प्रवासी पक्षियों के लिए एक प्रमुख जगह है। सर्दियों में मध्य एशिया और साइबेरिया से हजारों पक्षी यहां आते हैं। बिजली उत्पादन के लिए और सिंचाई के लिए ये झील बहुत उपयोगी है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पंडोह डैम का निर्माण हुआ था। इसी बांध की वजह से पंडोह झील अस्तित्व में आई। ये झील मुख्य रूप से जल विद्युत परियोजना का हिस्सा है।
पंडोह झील का पानी पंडोह-ब्यास लिंक के जरिए सतलुज नदी में डाला जाता है। इसका उपयोग डेहर में बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है। ये झील मंडी जिले का एक प्रमुख आकर्षण है।
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हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में चमेरा बांध के निर्माण की वजह से ही चमेरा झील बनी थी। इस झील को इसके शांत और मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है। इस झील का इस्तेमाल मुख्य रूप से बिजली बनाने के लिए होता है।
चमेरा झील पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। यहां नौकायन और दूसरी वॉटर एक्टिविटीज का आनंद लिया जा सकता है। इस झील के चारों ओर जंगल और पहाड़ हैं जो इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं।