#यूटिलिटी

October 3, 2025

हिमाचल में पहली बार तय होंगे फ्लड जोन, यहां निर्माण किया तो नहीं मिलेगी आपदा राहत

सस्टेनेबल काम करना चाहता है विश्व बैंक

शेयर करें:

Himachal News

शिमला। हिमाचल में बारिश से आई आपदा कोई नहीं भूल सकता है। नदियों में आई बाढ़ ने किसी घर को नहीं छोड़ा और अपने साथ ले गई। इनमें से ज्यादा नुकसान वहां हुआ जहां पर घर नदी के किनारे बने हुए थे या फिर नदी के रास्ते में बने थे। इससे सबक लेकर अब सरकार ने कुछ अहम फैसले लिए हैं।

निर्माण रोकने के लिए आएगा कानून 

हिमाचल में पहली बार फ्लड जोन तय किए जाएंगे। इस जोन में नया निर्माण रोकने के लिए कानून लाया जाएगा। इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों में प्रॉ़पर्टी का बीमा भी किया जाएगा। इसका मतलब है कि हिमाचल में पहली बार डिजास्टर रिस्क इंश्योरेंस पर काम हो रहा है।

यह भी पढ़ें :  हिमाचल : 19 वर्षीय विवाहिता ने उठाया गलत कदम, महज 10 दिन पहले बनी थी मां- सदमे में पति

World Bank से मिले हैं 2,687 करोड़

हिमाचल सरकार के विश्व बैंक से मिले 2,687 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत ये कदम उठाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का नाम रेडी- एचपी यानी रेसिलियंट एक्शन फॉर डिवेलपमेंट एंड डिजास्टर रिकवरी रखा गया है।

दिसंबर में साइन होना है लोन एग्रीमेंट

इस प्रोजेक्ट में 537 करो़ड़ की हिस्सेदारी राज्य सरकार की होगी जबकि 2150 करोड़ World Bank दोगा। इसकी अवधि साल 2024 से 2019 तक रखी गई है। दिसंबर में इसका लोन एग्रीमेंट साइन होना है।

यह भी पढ़ें : हिमाचल : महिला की आंखों के सामने उजड़ा सुहाग, खेत में घास लेने गए थे तीन लोग

नहीं होगी आपदा राहत की कोई स्कीम

ये देखा गया है कि हिमाचल के कई हिस्सों में टीसीपी के नियमों से हो रहे निर्माण से हादसे नहीं रुक रहे हैं। गौरतलब है कि फ्लड जोन में सरकारी या निजि निर्माण किया जाएगा तो उसके लिए आपदा राहत की कोई स्कीम नहीं होगी।

प्रदेश सरकार के अधिकारियों से बैठकें 

एक और जरूरी चीज, डिजास्टर रिस्क इंश्योरेंस प्रणाली को भी लागू किया गए जाएगी ताकि जो लोग अपनी प्रॉपर्टी का बीमा करवा सकें। विश्व बैंक की टीम ने इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रदेश सरकार के अधिकारियों से बैठकें की है।

यह भी पढ़ें : हिमाचल में आज पूरा दिन नहीं मिलेगी AMBULANCE सेवा...जानें क्या है कारण

डिजास्टर नीड एसेस्मेंट में 2006 करोड़ 

हिमाचल सरकार को केंद्र सरकार से पोस्ट डिजास्टर नीड एसेस्मेंट के तहत भी 2006 करोड़ मिल रहे हैं लेकिन ये सिर्फ 2023 की बरसात में हुए नुकसान के बदले हैं और इस नुकसान की भरपाई पर खर्च होंगे।

क्षति के पुनर्निर्माण पर काम करेगा WB

World Bank का एचपी रेडी प्रोजेक्ट 2023 से 2025 के बीच हुई क्षति के पुनर्निर्माण पर काम करेगा। ऐसे में राज्य सरकार इस साल हुए नुकसान के काम भी कर सकती है। आपदा राहत के लिए हिमाचल में 2 प्रोजेक्ट अब एक साथ काम करेंगे।

यह भी पढ़ें : हिमाचल: घर में 6 दिन से लग रही रहस्यमयी तरीके से आ’ग, फैला डर; परिवार की उड़ी नींद

सस्टेनेबल काम करना चाहता है WB

विश्व बैंक चाहता है कि आपदा राहत पर यदि हिमाचल में काम करना है, तो वह सस्टेनेबल होना चाहिए। यही वजह है कि ऐसे क्षेत्रों में नया निर्माण रोका जा रहा है, जहां बाढ़ का पानी पहुंच सकता है।

WB लगातार कर रहा हिमाचल के दौरे

इसी सिलसिले में आजकल विश्व बैंक हिमाचल के दौरे कर रहा है। फंडिंग एजेंसी के एक दल ने सिराज विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली का दौरा भी किया है। पिछले सप्ताह बैंक का मिशन लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, ऊर्जा विभाग और स्टेट रूरल लाइवलीहुड मिशन से मिलकर गया है।

 

अगले हफ्ते यह दल फिर से हिमाचल आ रहा है। विश्व बैंक इस प्रोजेक्ट में हिमाचल में पहली बार फ्लड जोनेशन तय कर रहा है।

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख