#यूटिलिटी

November 10, 2025

हिमाचल : 10वीं में नहीं होगा कोई भी छात्र फेल, सरकार ने तैयार किया नया प्लान

फेल और कंपार्टमेंट जैसे शब्द अब इतिहास

शेयर करें:

Himachal Education Board

शिमला। हिमाचल प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों के लिए राहत की बड़ी खबर सामने आई है। अब हिमाचल में दसवीं कक्षा में पढ़ने वाला कोई भी स्टूडेंट फेल नहीं होगा। दरअसल, प्रदेश सरकार ने स्कूल शिक्षा बोर्ड की ‘इंप्रूवमेंट पॉलिसी’ को औपचारिक मंजूरी दे दी है।

10वीं में नहीं होगा कोई भी छात्र फेल

नई नीति के लागू होने के बाद मार्च 2026 से आयोजित होने वाली 10वीं बोर्ड परीक्षा में अब किसी भी विद्यार्थी को फेल या कंपार्टमेंट घोषित नहीं किया जाएगा। यह व्यवस्था प्रदेश के शिक्षण ढांचे में एक महत्वपूर्ण सुधार मानी जा रही है।

यह भी पढ़ें: सावधान हिमाचल ! कई इलाकों में कोहरे का येलो अलर्ट जारी- सूखी ठंड करेगी बीमार

कम होगा मानसिक दबाव

अब तक कई विद्यार्थी परीक्षा में एक-दो विषयों में कमजोर रहने पर पूरा वर्ष गंवा देते थे। इससे उनके मन में असफलता का भय गहरा बैठ जाता था। लेकिन नई नीति से पढ़ाई में सुधार का अवसर मिलेगा।

तनाव भी होगा कम

इसके अलावा बच्चों का बोझ और तनाव भी कम होगा। शिक्षा विभाग के अनुसार, विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए अब परीक्षा प्रक्रिया को दो चरणों में विभाजित किया गया है।

यह भी पढ़ें: रेणुका ठाकुर को गांववालों ने पहनाया चांदी का ताज, मां से गले लग खूब रोई विश्व चैंपियन

साल में दो बार होगी परीक्षा

नई प्रणाली के अनुसार-

  • मुख्य परीक्षा : मार्च, नियमित मूल्यांकन
  • सुधार (इंप्रूवमेंट) परीक्षा : जून–जुलाई, असफल विद्यार्थियों को दूसरा अवसर

जो विद्यार्थी मार्च की परीक्षा में किसी विषय में कम अंक लाते हैं या अपेक्षित स्तर तक प्रदर्शन नहीं कर पाते, वे जून–जुलाई में दोबारा परीक्षा देकर अपना ग्रेड सुधार सकते हैं। इससे साल बर्बाद होने की चिंता खत्म हो जाएगी।

यह भी पढ़ें: हिमाचल : गांव की बेटी बनी अफसर, माता-पिता ने खुशी में बांटे लड्डू; मनाया जश्न

फेल और कंपार्टमेंट जैसे शब्द अब इतिहास

नई नीति के तहत ‘फेल’ और ‘कंपार्टमेंट’ शब्द पूरी तरह हटाए जाएंगे। रिपोर्ट कार्ड में केवल सुधार का अवसर अंकित होगा। मूल्यांकन का ध्यान सीखने की प्रक्रिया पर रहेगा, न कि केवल परिणाम पर। यह बदलाव शिक्षा को कठोर परिणाम-प्रणाली से सकारात्मक सीख-प्रणाली की ओर ले जाने वाला माना जा रहा है।

12वीं के छात्रों पर विचार

विदित रहे कि, अभी यह पॉलिसी केवल 10वीं कक्षा में लागू होगी। शिक्षा विभाग अब 12वीं कक्षा में भी इसे लागू करने की संभावनाओं का अध्ययन कर रहा है। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा सरकार ने पॉलिसी को मंजूरी दे दी है, अधिसूचना जल्द ही जारी होगी। यह नीति विद्यार्थियों के हित में एक बड़ा कदम है।

यह भी पढ़ें: 4 साल पूरे होने की खुशी में सुक्खू सरकार देगी बड़े तोहफे -  OPS की आस लगाए बैठे ये कर्मचारी

क्या बदलेगा इस नीति से?

  • विद्यार्थी आत्मविश्वास के साथ परीक्षा देंगे
  • शिक्षकों को अब सीखने पर जोर देने का अवसर मिलेगा
  • माता-पिता में भी बोर्ड परीक्षा को लेकर भय कम होगा
  • निजी और सरकारी स्कूलों में प्रतिस्पर्धा संतुलित होगी

यह भी पढ़ें: CM सुक्खू आज आपदा प्रभावितों को बांटेंगे पैसे : इन परिवारों को मिलेगा 4-4 लाख

क्या है पॉलिसी का उद्देश्य?

नई पॉलिसी का उद्देश्य विद्यार्थियों को यह समझाना है कि असफलता अंत नहीं है, बल्कि एक और बेहतर प्रयास का संकेत है। हिमाचल प्रदेश की यह पहल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक सकारात्मक उदाहरण बन सकती है।

नोट : ऐसी ही तेज़, सटीक और ज़मीनी खबरों से जुड़े रहने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख