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July 8, 2025
हिमाचल की सड़कें 6 माह में निगल गई 322 लोगों की जा*न, 858 हुए हा*दसे
बेकाबू रफ्तार के अलावा लापरवाही और नशे में वाहन चलाना बनी वजह
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसे अब एक गंभीर चिंता का विषय बन चुके हैं। जनवरी से जून 2025 के बीच राज्य में कुल 858 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 322 लोगों की जान चली गई और 1426 लोग घायल हुए। इनमें से 258 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस आंकड़े ने न सिर्फ आम जनमानस को झकझोरा है, बल्कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को भी सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश में हर महीने औसतन 140 से अधिक सड़क हादसे और 50 से अधिक मौतें हो रही हैं। यह आंकड़े संकेत हैं कि सड़क सुरक्षा को लेकर हमें एक व्यापक और ठोस नीति की जरूरत है। प्रशासन और जनता को मिलकर सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी, तभी हम इन अमूल्य जिंदगियों को बचा सकेंगे।
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हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में जहां सड़कों की स्थिति पहले से चुनौतीपूर्ण होती है, वहां ओवरस्पीडिंग, अनुभवहीन ड्राइविंग, और शराब पीकर वाहन चलाने जैसी लापरवाहियां स्थिति को और भी भयावह बना रही हैं। जिसके चलते प्रदेश में सड़क हादसों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। वहीं इनसे मौत के आंकड़े में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है।
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हिमाचल प्रदेश पुलिस के ट्रैफिक, टूरिस्ट और रेलवे (टीटीआर) मुख्यालय ने सड़क हादसों पर नियंत्रण पाने के लिए एक डेडिकेटेड डेटा एनालिसिस टीम बनाई है, जो 24 घंटे ट्रैफिक डेटा का विश्लेषण करती है। इस टीम का मकसद यह समझना है कि किन परिस्थितियों में और किन कारणों से हादसे हो रहे हैं, ताकि समय रहते जरूरी सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
टीटीआर पुलिस के विश्लेषण के अनुसार अधिकतर हादसे तेज रफ्तार, नशे की हालत में वाहन चलाने और वाहन चालकों की लापरवाही के कारण हो रहे हैं। एआईजी ट्रैफिक टूरिस्ट एवं रेलवे पुलिस विनोद कुमार ने बताया कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामलों में सख्त कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस ने ड्रंक एंड ड्राइव पर शिकंजा कसते हुए जनवरी से जून 2025 के बीच 6394 चालान काटे हैं। 2322 नशे में वाहन चला रहे चालकों को गिरफ्तार किया गया है और 1658 वाहन चालकों के लाइसेंस निलंबन की सिफारिशें भेजी गई हैं। सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नशेड़ी चालकों पर विशेष नजर रखें और ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएं।
राज्य में लगातार हो रहे सड़क हादसे एक मानव संसाधन और आर्थिक नुकसान की चेतावनी दे रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो यह आंकड़े और खतरनाक रूप ले सकते हैं। पुलिस और प्रशासन की ओर से सार्वजनिक जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि लोगों को नियमों के पालन के प्रति प्रेरित किया जा सके।