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July 8, 2025

हिमाचल: गाय को बचाते सैलाब में बहे थे जीजा-साला, 8 दिन बाद 100 KM दूर मिली एक की देह

गौशाला में बंधी गाय को बचाने गए थे दोनों जीजा साला

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Mandi Natural  disastar

मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के करसोग क्षेत्र में 30 जून की रात बादल फटने से हुई तबाही में एक मार्मिक घटना सामने आई है। आपदा की रात करसोग के कुटी गांव निवासी ललित कुमार 41 अपने साले के साथ गोशाला में बंधी गाय को बचाने गए थे, लेकिन अचानक आए सैलाब की चपेट में आकर दोनों बह गए। आठ दिन की तलाश के बाद ललित का शव घटनास्थल से 100 किलोमीटर (सिर्फ अनुमान है) दूर करला क्षेत्र में सतलुज नदी से बरामद किया गया है, जबकि उनके साले का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है।

गाय को बचाने की कोशिश में गई जान

ललित कुमार खेतीबाड़ी कर अपने परिवार का भरण.पोषण करते थे। वे लीज़ पर ज़मीन लेकर सब्ज़ियां उगाते थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आपदा की रात ललित अपने साले के साथ गोशाला में बंधी गाय को बचाने गए थे, लेकिन तभी अचानक तेज़ सैलाब आया और दोनों गोशाला समेत बह गए।

 

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सतलुज में मिला शव

घटना के 8 दिन बाद स्थानीय लोगों ने करला क्षेत्र में सतलुज नदी में एक शव देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। निहरी पुलिस ने शव को निकालकर पहचान के लिए स्वजन को बुलाया। पहचान होने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए करसोग नागरिक अस्पताल भेजा गया, जहां से परिजनों को सौंपकर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान करसोग प्रशासन के अधिकारी भी परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे।

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थुनाग बाजार में भी भारी तबाही

घटन की रात मंडी जिले की सराज घाटी के थुनाग बाजार में भी भयंकर बाढ़ ने तबाही मचाई। चार नालों में आई बाढ़ ने पूरा बाजार तहस.नहस कर दिया। करीब 200 दुकानें पूरी तरह तबाह हो गईं और 50 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। कुछ इलाकों में तो 20-20 फीट तक मलबा भर गया है। सैंकड़ों वाहन खड्डों में बह गए, जबकि कई वाहन मलबे के नीचे दबे हुए हैं।

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प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती

सराज और करसोग की ये घटनाएं हिमाचल में मानसून से जुड़ी आपदाओं की गंभीरता को उजागर करती हैं। राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन लापता लोगों की तलाश और प्रभावितों के पुनर्वास में प्रशासन के सामने कई चुनौतियां हैं।

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