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February 10, 2025

हिमाचल: आज से 'वर्क टू रूल', 8 घंटे ड्यूटी करेंगे बिजली कर्मचारी; सामूहिक अवकाश का भी ऐलान

कल हमीरपुर में होगी जिला पंचायत, बनेगी आगामी रणनीति

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Himachal Electricity Board Employees

शिमला। हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड के 700 पदों को समाप्त करने पर मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद बिजली बोर्ड कर्मचारियों, इंजीनियरों व पेंशनरों ने संयुक्त रूप से प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बिजली बोर्ड के कर्मचारियों और अभियंताओं के संयुक्त मोर्चा ने आज सोमवार से अपना आंदोलन तेज कर दिया है। बिजली बोर्ड के इस आंदोलन से सुक्खू सरकार की मुश्किलें भी बढ़ने वाली हैं।

आज से वर्क टू रूल काम करेंगे कर्मचारी

दरअसल कर्मचारियों और अभियंताओं के संयुक्त मोर्चा ने आज सोमवार से वर्क टू रूल ही काम करने का फैसला लिया है। यानी अब बिजली बोर्ड के कर्मचारी आठ घंटे ही काम करेंगे। इन घंटों में जो भी कर्मचारी व अधिकारी का संबंधित कार्य होगा, वह वही काम करेगा। इसके बाद कर्मी कोई काम नहीं करेंगे।

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इस दिन सामूहिक अवकाश पर जाएंगे कर्मचारी

आज यानी 10 फरवरी से प्रदेश भर के बिजली कर्मचारी और अभियंता काले बिल्ले लगाकर सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक अपनी ड्यूटी करेंगे। बोर्ड कर्मी शिफ्ट टाइम के अलावा सेवाएं नहीं देंगे। बिजली बोर्ड के संयुक्त मोर्चा ने सुक्खू सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया, तो कल यानी 11 फरवरी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला हमीरपुर में जिला पंचायत की जाएगी, जिसमें आगामी रणनीति का ऐलान किया जाएगा। बोर्ड कर्मियों ने 24 फरवरी को सामूहिक अवकाश पर जाने की भी घोषणा कर दी है। 

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नई भर्तियां करने के बजाय पद खत्म कर रही सरकार

संयुक्त मोर्चा के सह संयोजक हीरालाल वर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड पहले ही कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहा है। जिसके चलते कर्मचारियों को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा जा रहा है। विभाग में नई भर्तियां करने की बजाय सरकार पहले से सृजित पदों को समाप्त करने पर तुली हुई है। जिसको लेकर कर्मचारियों में भारी रोष है। जिसके चलते बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने आज 10 फरवरी से वर्क टू रूल के तहत ही काम करने का फैसला लिया है।

 

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आम जनता को होगी परेशानी

हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड के आठ घंटे ड्यूटी करने के फैसले से आम जनता को काफी परेशानी हो सकती है। ऐसे में बिजली लाइनों में बिजली आपूर्ति बहाल करने की व्यवस्था भी प्रभावित होगी। अब देखना यह है कि कर्मचारियों के इस फैसले पर हिमाचल की कांग्रेस सरकार इस पर क्या एक्शन लेती है। 

 

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क्या है पूरा मामला

दरअसल हिमाचल की सुक्खू सरकार बिजली बोर्ड को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरप्लस पदों को समाप्त करने की प्रक्रिया चल रही है। जिसके चलते करीब 700 अधिकारियों और कर्मचारियों के इसके तहत तबादले किए जा रहे हैं।

 

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युक्तिकरण की प्रक्रिया के तहत बोर्ड के अन्य कार्यालयों और विंग में भी सरप्लस स्टाफ की इन दिनों सूचियां बनाई जा रही हैं। लेकिन सरकार के इस फैसले को लेकर बिजली बोर्ड के कर्मचारियों, अभियंताओं और पेंशनरों में रोष है और संयुक्त मोर्चा ने अब सरकार से आरपार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। जिसकी शुरूआत आज से कर दी गई है।

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