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May 4, 2025
हिमाचल में अगले दो दिन चलेगी CM सुक्खू की कैबिनेट बैठक, इन बड़े फैसलों पर रहेगी नजर
सीएम सुक्खू ने पांच और छह मई को बुलाई कैबिनेट बैठक
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अगले दो दिन कैबिनेट बैठक बुलाई है। यानी अब अगले दो दिन सुक्खू कैबिनेट होगी। ऐसे में दो दिन चलने वाली इस कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसलें होने की उम्मीद है। दोनों ही दिन कैबिनेट बैठक शिमला प्रदेश सचिवालय में आयोजित होगी। हालांकि इसके समय में फेरबदल किया गया है।
पहले यह कैबिनेट बैठकें दोपहर बाद तीन बजे निर्धारित की गई थीं। लेकिन अब समय में बदलाव करते हुए अब यह कैबिनेट बैठकें दोपहर 12 बजे प्रदेश सचिवालय में शुरू होंगी। जिसको लेकर सामान्य प्रशासन ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। दो दिन चलने वाली इस कैबिनेट बैठक से लोगों और खासकर युवाओं को खासी उम्मीद है।
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सूत्रों के अनुसारए इस बैठक में प्रमुख प्रशासनिकए वित्तीय और सामाजिक योजनाओं पर चर्चा होगी। साथ ही राज्य सरकार की भविष्य की नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। बैठक में राज्य के वर्तमान सामाजिक.आर्थिक हालात को देखते हुए विकास की नई दिशा तय करने पर भी विचार होगा।
युवा पीढ़ी का मानना है कि सीएम सुक्खू ने लंबे समय से कैबिनेट बैठक नहीं की है। जो पहले कैबिनेट बैठकें हुई हैं, उनमें भी युवाओं की नौकरी से संबंधित कोई खास फैसला नहीं लिया गया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार दो दिन चलने वाली कैबिनेट में सुक्खू सरकार नौकरियों का पिटारा खोल सकती है।
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इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियांे भी रिटायरमेंट ऐज बढ़ाए जाने का इंतजार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल की कांग्रेस सरकार सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट ऐज बढ़ाने पर विचार कर रही है। कैबिनेट सब.कमेटी ने रिसोर्स मोबिलाइजेशन के नाम पर रिटायरमेंट की आयु को 58 साल से बढ़कर 59 साल करने की सिफारिश की है।
ऐसे में प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 58 से 59 वर्ष करने के मामले पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा होने की उम्मीद है। वित्त विभाग की ओर से इस बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी जाएगी। इस दौरान कर्मचारियों की रिटायरमेंट ऐज बढ़ाने से सरकार के वित्तीय खजाने पर पड़ने वाले फायदे और नुकसान को लेकर विचार भी विमर्श किया जाएगा। इसी तरह से कैबिनेट बैठक में कॉन्ट्रैक्ट पॉलिसी की जगह प्रोबेशनरी भर्ती नीति को भी चर्चा के लिए लाया जाना है।