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June 20, 2025

हिमाचल में वाहनों को बिना रोके कट रहे चालान, फास्टैग से हो रही पकड़- सरकार ने 3 महीने में कमाए करोड़ों

टोल प्लाज़ा पर लगे हैं हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे

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HIMACHAL NEWS

शिमला। हिमाचल प्रदेश में सरकार ने सड़क सुरक्षा और राजस्व संग्रहण को बेहतर बनाने के लिए एक अत्याधुनिक व्यवस्था लागू की है, जिसने महज़ तीन महीनों में आशातीत सफलता प्राप्त की है। यह व्यवस्था है ई-डिटेक्शन सिस्टम, जिसके तहत अब न तो पुलिस कर्मियों को सड़कों पर वाहनों को रोककर जांच करनी पड़ती है और न ही परिवहन विभाग के अधिकारियों को किसी दस्तावेज की वैधता मैनुअली जांचनी होती है।

बिना रोके कट रहे चालान

मार्च 2025 में शुरू किए गए इस ई-डिटेक्शन सिस्टम के ज़रिए टोल प्लाज़ा पर लगे हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे हर गुजरने वाले वाहन को फास्टैग की मदद से स्कैन कर लेते हैं।

 

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वाहन की पूरी जानकारी स्वतः सिस्टम में अपलोड हो जाती है और जैसे ही यह पाया जाता है कि बीमा, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, टैक्स या फिटनेस की अवधि समाप्त हो चुकी है, वैसे ही उस वाहन का ई-चालान जनरेट हो जाता है।

तीन महीने में 3.90 करोड़ के चालान

परिवहन विभाग द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, 12 मार्च से 15 जून 2025 तक कुल 3590 चालान जारी किए जा चुके हैं, जिनकी कुल राशि 3 करोड़ 90 लाख 43 हजार रुपये है।

 

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यह पैसा सीधे तौर पर सरकार के राजस्व में जुड़ गया है। जिसमें, 12 मार्च से 31 मार्च तक: ₹66.80 लाख (575 चालान), अप्रैल महीने में: ₹1.42 करोड़ (1411 चालान), मई में: ₹1.62 करोड़ (1213 चालान) और 1 से 15 जून तक: ₹18.65 लाख (391 चालान) के आंकड़े सामने आए हैं।

न लगेगी रिश्वत, न होगी अवैध वसूली

इस सिस्टम का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब किसी भी वाहन को दस्तावेजों की चेकिंग के लिए सड़क पर नहीं रोका जाएगा, ऐसा करने से रिश्वतखोरी और अवैध वसूली की कोई संभावना ही नहीं होगी। इसके अलावा यह व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी है, क्योंकि चालान की जानकारी न सिर्फ वाहन मालिक को SMS के जरिए मिलती है, बल्कि संबंधित RTO कार्यालय में भी दर्ज हो जाती है।

पर्यटक भी नहीं बच पाए

हिमाचल आने वाले बाहरी राज्यों के पर्यटकों पर भी यह तकनीक भारी पड़ रही है। अगर उनके वाहन में कोई जरूरी दस्तावेज जैसे इंश्योरेंस या फिटनेस नहीं है, तो ई-चालान कटकर उनके राज्य के आरटीओ को भेजा जा रहा है।

 

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परिवहन निदेशक ने कहा

परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी का कहना है कि यह प्रणाली आने वाले समय में राज्य की आय का एक बड़ा साधन बनेगी और साथ ही ट्रैफिक नियमों का पालन करवाने में भी बेहद कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि सिस्टम को और भी बेहतर करने के लिए तकनीकी सुधार जारी रहेंगे।

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