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January 19, 2025

सुक्खू सरकार पर हाईकोर्ट सख्त, कहा-आर्थिक संकट का बहाना नहीं चलेगा; देने होंगे वित्तीय लाभ

हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार ने HRTC कर्मियों को नहीं दिए बकाया लाभ

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Himachal Court

शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी प्रदेश की सुक्खू सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालकों और परिचालकों के वित्तीय लाभ जारी नहीं किए। जिसको लेकर हिमाचल हाईकोर्ट ने सुक्खू सरकार पर सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अदालत के आदेशों के बावजूद भी कर्मचारियों के बकाया वित्तीय लाभ जारी ना करने के लिए वित्तीय संकट का बहाना बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

हिमाचल हाईकोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

हिमाचल हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट के निर्णय का अक्षरश: अनुपालना किया जाना जरूरी है। खासकर तब जब निर्णय अंतिम हो गया हो। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति राकेश कैंथला की खंडपीठ ने मामले में सैकड़ों प्रभावित कर्मियों की तरफ से दाखिल की गई अनुपालना याचिका का निपटारा करते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश भी दिए। साथ ही स्टेटस रिपोर्ट के संदर्भ में मामले की सुनवाई सुनवाई 27 मार्च को निर्धारित करने के आदेश जारी किए।

 

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हाईकोर्ट में क्या बोला एचआरटीसी

इस मामले की सुनवाई में एचआरटीसी ने हिमाचल हाईकोर्ट को बताया कि राज्य सरकार समय समय पर कर्मचारियों को वेतन, सब्सिडी  और पूंजी निवेश के लिए अनुदान सहायता राशि जारी कर परिवहन निगम को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन आर्थिक संकट के कारण हाईकोर्ट के आदेशानुसार कर्मियों के बकाया वित्तीय लाभ चुकाने में मुश्किल हो रही है। जिस पर हाईकोर्ट ने अदालती आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक संकट का बहाना बनाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया।

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एक साल बाद भी नहीं हुई हाईकोर्ट के फैसले की पालना

दरअसल हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशा के बाद भी बकाया वित्तीय लाभ ना मिलने से परेशान प्रभावित कर्मचारियों ने हिमाचल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर 2023 को प्रदेश हाईकोर्ट ने एचआरटीसी के उन ड्राइवरों व कंडक्टरों को 1 साल के बाद नियमित करने के आदेश जारी किए थे जो वर्ष 2003 से 2006 तक अनुबंध के आधार पर हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम द्वारा नियुक्त किए गए थे।

 

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इसके साथ ही हाईकोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं का एक साथ निपटारा करते हुए यह स्पष्ट किया था कि इन ड्राइवरों व कंडक्टरों को नियमितीकरण से उपजे सभी सेवा लाभ 30 अप्रैल, 2024 तक अदा करने होंगे। यदि 30 अप्रैलए 2024 तक यह लाभ नहीं दिए तो देय राशि पर 6 फीसदी ब्याज भी अदा करना होगा।

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