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February 11, 2025

हिमाचल में बिजली कर्मियों की हुंकार से डरी सुक्खू सरकार; वार्ता को दिया न्यौता

बिजली कर्मियों ने की महापंचायत, सरकार के खिलाफ भरी हुंकार

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CM Sukhu Electricty employee

हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के 700 से अधिक पद खत्म करने को लेकर हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारियों अभियंताओं और पेंशनरों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज 11 फरवरी को इन कर्मचारियों ने हमीरपुर जिला में एक महा पंचायत की, जिसमें हजारों की संख्या में बिजली कर्मचारी पेंशनरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

महापंचायत में सरकार के प्रति बिजली कर्मियों का रोष

हमीरपुर जिला में जुटे इन हजारों कर्मचारियों ने सुक्खू सरकार और बिजली बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ रोष जताया और विरोध स्वरूप प्रदर्शन किया। इस दौरान इन कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर भी चर्चा की। वहीं दूसरी तरफ बिजली कर्मचारियों की इस हुंकार का सुक्खू सरकार पर गहरा असर पड़ा है। सुक्खू सरकार एक बार फिर बैकफुट पर आती नजर आ रही है। सरकार ने बिजली कर्मचारियों को वार्ता का न्यौता दिया है।

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हमीरपुर के टॉउन हाल में कर्मचारियों की महापंचायत

बता दें कि आज सीएम सुक्खू के गृह जिला हमीरपुर के हाउन हॉल में बिजली कर्मचारियों की महापंचायत हुई। जिसमें हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड यूनियन की सात विभिन्न यूनियनों के पदाधिकारियों के अलावा दो पेंशनर यूनियनों और आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन के सदस्यों ने भी भाग लिया। इन यूनियनों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने महापंचायत में प्रदेश सरकार के समक्ष सात सूत्री मांग पत्र तैयार किया है।

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क्या बोले यूनियन के सह संयोजक हीरा ला

यूनियन के प्रदेश सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने महापंचायत की है। जिसमें सरकार द्वारा यूक्तिकरण नीति के खिलाफ रोष प्रकट किया गया है। हीरा लाल वर्मा ने बताया कि सरकार और बोर्ड प्रबंधन द्वारा जनरेशन और संचार विंग के करीब 700 से अधिक पदों को सरप्लस कर दिया गया है,

 

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 जबकि 51 पद पहले ही समाप्त किए जा चुके हैं। 81 आउटसोर्स कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इसके अलावा बोर्ड मुख्यालय और परिचालन विंग में भी युक्तिकरण और वेतन केंद्रीयकरण के नाम पर हजारों पद समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिससे कर्मचारियों का भविष्य संकट में आ गया है।

क्या हैं कर्मचारियों की मांगें

  • हीरा लाल वर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड की ज्वाइंट कमेटी ने मांगपत्र तैयार किया है। जिसमें मुख्य रूप से बिजली बोर्ड में हजारों रिक्त पदों को भरने और युक्तिकरण के
  • नाम पर पद समाप्ति की मुहिम को बंद करना शामिल है।
  • इसके अलावा बिजली बोर्ड में खाली चल रहे हजारों पदों पर भर्ती किया जाना शामिल है। ताकि पहले से कार्यरत कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ ना पड़े।
  • सुक्खू सरकार ने जिस तरह प्रदेश के अन्य विभागों के सरकारी कर्मचारियों को ओपीएस दिया है। उसी तर्ज पर बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को भी ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाए। 
  • बिजली बोर्ड से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को गत दो वर्षों से लीव एनकैशमेंट सहित अन्य वित्तीय लाभ नहीं मिल रहे हैं, जिनको जल्द दिए जाने की मांग की गई है।
  • प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों के 178 करोड़ रुपए बिजली बिल का भुगतान बोर्ड को अभी तक नहीं किया गया है, जिससे बोर्ड की वित्तीय हालत खराब हो चुकी है।

सरकार ने बातचीत को बुलाए कर्मचारी 

वहीं दूसरी तरफ बिजली कर्मचारियों के वर्क टू रूल्स और आज की महापंचायत को देखते हुए प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार बैकफुट पर आती हुई नजर आ रही है। सुक्खू सरकार ने इन बिजली कर्मचारियों को वार्ता का न्यौता दिया है। इसकी जानकारी देते हुए सीएम सुक्खू के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान ने बताया कि राज्य बिजली बोर्ड में युक्तिकरण के विरोध में आंदोलन कर रहे बिजली बोर्ड कर्मचारियों को सरकार ने वार्ता का न्यौता दिया है।

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खत्म नहीं शिफ्ट किए जा रहे कुछ पद

सरकार की ओर से सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि कर्मचारी निराश न हों, सीएम सभी की बात सुनेंगे। उन्होंने कहा कि कोई पद समाप्त नहीं किया जा रहा है। सरकार की मंशा बिजली बोर्ड को अपने पांव पर खड़ा करने की है। केवल कुछ पदों को शिफ्ट किया जा रहा है। जनरेशन विंग से सिविल विंग में कुछ कर्मचारियों को शिफ्ट किया जा रहा है।

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