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December 5, 2025
अब पहाड़ों पर भी चलेगा 'टिर्री' ऑटो रिक्शा : 400 को मिलेंगे परमिट, नोटिफिकेशन जारी
सुक्खू सरकार ने 400 ई रिक्शा परमिट की अधिसूचना जारी की
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धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर जल्द ही ई.रिक्शे दौड़ेंगे, लेकिन इनके पहाड़ी इलाकों में संचालन को लेकर सुरक्षा का बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। देश भर के मैदानी राज्यों में टिर्री, टमटम या टो-टो के नाम से वर्षों से चल रहे ये ऑटो हिमाचल की तीखी चढ़ाइयों, खड़ी ढलानों और संकरे मोड़ों पर कितने सुरक्षित होंगे, यह एक बड़ा सवाल है। सुरक्षा की दृष्टि से हल्के ढांचे, खुले दरवाजों और दुर्घटना की स्थिति में सीमित सुरक्षा उपायों के कारण आसान सफर का वादा करने वाला यह ऑटो रिक्शा हिमाचल की चुनौतीपूर्ण सड़कों पर कितना सुरक्षित साबित होगा, यह चर्चा का विषय बन गया है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने ई-रिक्शा संचालन को लेकर आज शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार ने 400 ई-रिक्शा परमिट जारी करने के निर्देश दिए हैं। मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 113 के तहत परिवहन विभाग प्रदेश के चुनिंदा उपमंडलों में इनका संचालन करेगा।
सरकार ने क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों को ई.रिक्शा परिचालन की अनुमति देते हुए 400 परमिट जारी करने के निर्देश दिए हैं। सरकार का दावा है कि यह फैसला पहाड़ी शहरों में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने और छोटे मार्गों पर पर्यावरण अनुकूल परिवहन उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
नई अधिसूचना के तहत चयनित उपमंडलों में सीमित संख्या में ई-रिक्शा परमिट अनुमोदित होंगे। प्रमुख क्षेत्रों में आवंटन इस प्रकार है:
कांगड़ा जिला:
पालमपुर – 30
धर्मशाला व मैक्लोडगंज – 36
चंबा जिला:
चंबा (सदर) – 5
भटियात – 9
किन्नौर:
कल्पा/रिकांगपिओ – 15
सांगला – 10
सिरमौर:
नाहन – 15
राजगढ़ – 2
मंडी जिला:
जोगिंदरनगर – 15
पद्धर – 35
सरकाघाट – 5
धर्मपुर – 5
कुल्लू:
कुल्लू – 30
भुंतर – 15
बंजार – 20
मनाली – 30
पतलीकुहल – 15
नग्गर – 15
शिमला जिला:
ठियोग – 6
रोहड़ू – 20
सोलन:
कंडाघाट – 3
नालागढ़ – 10
बद्दी – 15
ऊना जिला:
हरोली – 17
बाकी ऊना क्षेत्र – 20
कुल मिलाकर 400 ई-रिक्शा परमिट जारी किए जाएंगे।
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सरकार ने ई.रिक्शा संचालन को लेकर सख्त शर्तें निर्धारित की हैं, सरकार के अनुसार यह ई.रिक्शा केवल अपने उपमंडल मुख्यालय से 20 किलोमीटर के दायरे में ही चल सकेगा। निर्धारित सीमा से बाहर जाने पर उसे परिचालन कानूनी उल्लंघन माना जाएगा और ऐसी स्थिति में जुर्माना भी लगाया जा सकता है। पंजीकरण के बाद उपमंडल मुख्यालय स्थायी रहेगा, इसे बदला या स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा। प्रदेश के बाकी उपमंडलों में ई.रिक्शा और ऑटो.रिक्शा संचालन पर अभी भी प्रतिबंध रहेगा।