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June 21, 2025
हिमाचल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, बच्चे के जन्म पर पिता को भी मिलेगी आधा महीना छुट्टी
हाईकोर्ट ने पितृत्व अवकाश को एक मौलिक अधिकार करार दिया है
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शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक अहम और दूरगामी प्रभाव वाला फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट किया है कि अनुबंध पर कार्यरत पुरुष कर्मचारियों को भी पितृत्व अवकाश का अधिकार है, जिसे उन्हें किसी भी हाल में वंचित नहीं किया जा सकता। जहां पहले महिलाओं को मातृत्व लीव मिलती थी, वहीं अब कोर्ट द्वारा अनुबंध कर्मचारियों को भी पितृत्व अवकाश का एतिहासिक फैसला सुनाया है
इस ऐतिहासिक निर्णय में अदालत ने पितृत्व अवकाश को एक मौलिक अधिकार करार दिया है, जो हर सरकारी कर्मचारी को मिलना चाहिए, चाहे वह नियमित हो या अनुबंध पर कार्यरत हो। यह फैसला न्यायाधीश संदीप शर्मा की एकल पीठ द्वारा सुनाया गया, जिसमें तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग द्वारा अनुबंध कर्मचारी को पितृत्व अवकाश से वंचित करने वाले सभी आदेशों को रद्द कर दिया गया।
अदालत ने हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को स्पष्ट आदेश दिया है कि अनुबंध आधार पर सेवाएं दे रहे सभी पुरुष कर्मचारियों को पितृत्व अवकाश प्रदान करने के लिए नियमों में आवश्यक संशोधन किया जाए। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यह बदलाव केवल एक व्यक्ति या मामले तक सीमित न रहे, बल्कि सार्वजनिक नीति के रूप में लागू हो।
कोर्ट ने अपने फैसले में यह साफ किया कि जब बच्चे का जन्म हुआ, तब याचिकाकर्ता अनुबंध पर कार्यरत था, लेकिन जब उसने पितृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया, तब तक उसे नियमित कर दिया गया था। ऐसे में उसे छुट्टी से वंचित रखना अन्याय है।
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पितृत्व अवकाश का उद्देश्य सिर्फ छुट्टी देना नहीं, बल्कि नवजात बच्चे की देखभाल और परिवार को सहयोग देना है, जो हर पिता का दायित्व और अधिकार दोनों है।
अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता को यह निर्देश भी दिया कि इस फैसले की प्रति संबंधित विभाग तक शीघ्र पहुंचाई जाए और दो महीनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया कि 31 जुलाई 2024 से 14 अगस्त 2024 तक याचिकाकर्ता द्वारा लिया गया अवकाश पितृत्व अवकाश माना जाए, ताकि उसे किसी प्रकार की प्रशासनिक या वित्तीय हानि न हो।
कोर्ट ने अपने फैसले में रूल 43-A का भी हवाला दिया, जिसके अनुसार दो से कम संतानें होने की स्थिति में किसी भी पुरुष सरकारी कर्मचारी को बच्चे के जन्म से 15 दिन पहले या 6 महीने के भीतर 15 दिनों का पितृत्व अवकाश लेने का अधिकार होता है।