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October 18, 2025

CM सुक्खू का मास्टर स्ट्रोक : बिजली सब्सिडी नीति में बड़ा बदलाव- जल्द होगा लागू

आधार से जोड़े जा रहे बिजली मीटर

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Electricity Subsidy

शिमला। हिमाचल प्रदेश में अब बिजली सब्सिडी की नीति में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। घरेलू उपभोक्ताओं को सरकार की ओर से दी जा रही मुफ्त बिजली का लाभ अब केवल दो मीटरों तक ही सीमित रहेगा। बिजली बोर्ड ने इस नई व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार कर लिया है और इसे अंतिम मंजूरी के लिए सरकार को भेज दिया गया है।

नई व्यवस्था में क्या होगा

इस फैसले का मुख्य उद्देश्य बिजली सब्सिडी के दुरुपयोग पर रोक लगाना और इसे सिर्फ वास्तविक जरूरतमंद उपभोक्ताओं तक सीमित करना है। वर्तमान में राज्य में हर घरेलू कनेक्शन पर प्रति माह 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलती है।

 

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लेकिन कई उपभोक्ताओं ने एक ही नाम पर दो से अधिक मीटर लगवा रखे हैं, जिससे वे एक से ज्यादा कनेक्शनों पर सब्सिडी का लाभ उठा रहे हैं। अब ऐसे उपभोक्ताओं को केवल दो मीटरों तक ही सब्सिडी दी जाएगी, जबकि तीसरे और उससे अधिक मीटरों पर बिजली सामान्य दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी।

इसलिए किया गया संशोधन

शुरुआत में बोर्ड ने यह प्रस्ताव रखा था कि प्रत्येक परिवार को केवल एक ही मीटर पर सब्सिडी दी जाए, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों और संयुक्त परिवारों की परिस्थितियों को देखते हुए बाद में इसमें संशोधन किया गया। प्रदेश में इस समय 22 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ता हैं।

 

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इनमें से अधिकांश 125 यूनिट से कम बिजली उपयोग करते हैं, जिस पर उन्हें किसी प्रकार का बिल नहीं देना पड़ता। यानी वे पूरी तरह सरकारी सब्सिडी पर बिजली का उपभोग कर रहे हैं। सरकार इस मद में हर साल करोड़ों रुपये का वित्तीय भार वहन करती है।

आधार से जोड़े जा रहे मीटर

नए नियम के तहत बिजली मीटरों को उपभोक्ताओं के आधार नंबर से जोड़ा जा रहा है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि एक व्यक्ति के नाम पर कितने मीटर हैं। बिजली बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, कई मामलों में एक ही परिवार या व्यक्ति ने विभिन्न घरों या किराए के मकानों के लिए अलग-अलग मीटर लगवा रखे हैं और सब्सिडी ले रहे हैं। प्रस्ताव लागू होने के बाद ऐसी अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा और सब्सिडी का लाभ केवल जरूरतमंदों तक सीमित रहेगा।

किन पर पड़ेगा असर

नई नीति लागू होने के बाद मुख्य रूप से शहरों के मकान मालिकों और झुग्गी बस्तियों के मालिकों पर इसका असर पड़ेगा। शिमला, सोलन और बद्दी जैसे शहरों में कई मकान मालिकों ने अपने भवनों को फ्लैट में बांटकर किराये पर दे रखा है।

 

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इन सभी फ्लैट्स के मीटर मकान मालिक के नाम पर हैं। अब केवल दो मीटरों पर सब्सिडी मिलने से उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसी तरह औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास कई भूमि मालिकों ने झुग्गियां बसाई हुई हैं, जहां उनके नाम पर दर्जनों मीटर लगे हैं। अब उन्हें सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा।

CM की अपील पर हजारों लोगों ने छोड़ी सब्सिडी

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कुछ समय पहले आर्थिक रूप से सक्षम उपभोक्ताओं से अपील की थी कि वे प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ दें। उन्होंने खुद अपने नाम पर लगी सब्सिडी समाप्त कर उदाहरण पेश किया। अब तक 28,203 उपभोक्ता इस अभियान से जुड़ चुके हैं, जिनमें 13,927 सरकारी कर्मचारी, 11,131 पेंशनर और 3,775 आम नागरिक शामिल हैं।

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