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July 5, 2025
सुक्खू सरकार की पहल: ई-टैक्सी से बेरोजगार युवाओं के सपनों को मिली नई उड़ान
सुक्खू सरकार ने ई टैक्सी से युवाओं को दिया स्थायी रोजगार
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और बेरोजगारी से लड़ने के अपने वादे को धरातल पर उतारते हुए एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला स्थित प्रदेश सचिवालय परिसर से राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत 20 ई.टैक्सियों को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस पहल के तहत सरकार युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करते हुए ई.वाहनों की खरीद पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह योजना सिर्फ एक रोजगार स्कीम नहीं, बल्कि युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का एक ठोस माध्यम है। अब तक 59 पात्र युवाओं को लगभग 4.22 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है, जबकि 61 अन्य लाभार्थियों को भी जल्द ही सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
सीएम सुक्खू ने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य केवल नौकरियां उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के माध्यम से एक स्थायी और गरिमामयी जीवन प्रदान करना है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को सरकारी कार्यालयों के साथ पांच वर्षों के लिए अनुबंधित किया जाता है, जिससे उन्हें सुनिश्चित आय का स्थायी स्रोत मिलता है। योजना में दो वर्ष का अतिरिक्त विस्तार भी प्रस्तावित है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना न केवल आर्थिक रूप से युवाओं को मजबूत करेगी, बल्कि राज्य में हरित विकास को भी बढ़ावा देगी। ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने से प्रदूषण घटेगा और राज्य की ग्रीन पॉलिसी को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव अब प्रत्यक्ष महसूस किए जा रहे हैं, ऐसे में प्रदेश सरकार ने ई-वाहनों, सौर ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए ठोस रणनीतियां तैयार की हैं।
प्रदेश सरकार युवाओं के लिए न केवल राज्य स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी रोजगार के द्वार खोल रही है। हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम को अब एक अधिकृत भर्ती एजेंसी के रूप में मान्यता प्राप्त हो गई है। यह निगम विभिन्न देशों के महावाणिज्य दूतावासों से समझौते कर सकता है, ताकि युवाओं को विदेशों में बेहतर वेतन वाली नौकरियों के लिए प्रशिक्षित और तैयार किया जा सके।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी आमूलचूल बदलाव किए हैं। शिक्षा गुणवत्ता रैंकिंग में हिमाचल ने राष्ट्रीय स्तर पर 21वें स्थान से छलांग लगाकर 5वें स्थान पर जगह बनाई है। यह उपलब्धि राज्य सरकार की नीतियों और समर्पित प्रयासों का परिणाम है। इसके साथ ही प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों को एम्स दिल्ली की तर्ज पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है।