#यूटिलिटी
June 24, 2025
वीरभद्र सिंह के चतुर्वार्षिक श्राद्ध पर श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब, उनके विचारों पर चलने का संकल्प
रामपुर के ऐतिहासिक पदम महल परिसर में दी श्रद्धांजलि
शेयर करें:
शिमला। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं जनता के रहे प्रिय नेता स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह की चतुर्वार्षिक श्राद्ध (चवरख) के अवसर पर प्रदेश भर से हजारों की संख्या में लोग रामपुर के राजदरबार में श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। यह सभा न केवल एक श्रद्धांजलि समारोह थी, बल्कि वीरभद्र सिंह के योगदान को याद करने और उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प दोहराने का एक सशक्त मंच भी बना।
शिमला जिला के रामपुर स्थित ऐतिहासिक पदम महल परिसर में आयोजित वीरभद्र सिंह की श्रद्धांजलि समारोह में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल सहित कई नेता शामिल हुए। राज्यपाल ने राजा वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि कि वह वीरभद्र सिंह को श्रेष्ठ मनुष्य के रूप में देखते हैं। राजा वीरभद्र सिंह ने जब भारत में कही भी धर्मांतरण कानून नहीं था, तब हिमाचल में धर्मांतरण के खिलाफ कानून पारित किया। उन्होंने प्रदेश की पवित्रता और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य किया, जो उन्हें एक सच्चे सांस्कृतिक संरक्षक के रूप में स्थापित करता है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल हाईकोर्ट से भाजपा नेताओं को राहत, बिंदल-सुखराम की बढ़ी जमानत अवधि; जानें मामला
इस अवसर पर वीरभद्र सिंह के पुत्र और प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह उनके लिए गर्व और भावुकता का क्षण है कि आज पूरे प्रदेश से लोग यहां आए हैं और उनके पिता को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने जो रास्ता दिखाया, उस पर वे मजबूती से चलेंगे और प्रदेश के सर्वांगीण विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। विक्रमादित्य सिंह ने जनता को विश्वास दिलाया कि हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे, चाहे उसके लिए केंद्र सरकार से सहयोग लेना पड़े। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश के हर क्षेत्र का समान विकास और सम्मान उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
यह भी पढ़ें : हिमाचल घूमने आए हरियाणा के पर्यटकों को लोकल युवकों ने पी*टा, महिला से की बदसलूकी
कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने भी भाग लिया और वीरभद्र सिंह के व्यक्तित्व व कार्यों को श्रद्धांजलि स्वरूप याद किया। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह एक ऐसे नेता थे जो जाति, धर्म या समुदाय की सीमाओं से ऊपर उठकर प्रदेश के विकास के लिए समर्पित थे। उन्होंने सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास किया और अपने कार्यकाल में हिमाचल को प्रगति की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
यह चतुर्वर्षी कार्यक्रम प्रदेशवासियों के लिए केवल एक स्मृति नहीं, बल्कि एक प्रेरणा का स्रोत भी रहा, जिसमें उन्होंने वीरभद्र सिंह के विचारों को आत्मसात कर, प्रदेश निर्माण में अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लिया। उनकी नीतियों, विचारधारा और जनसेवा के प्रति समर्पण भाव को आज भी लोग बड़े आदर और सम्मान से याद करते हैं।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में 7 लाख की चरस खरीद गुरुग्राम में बेचने पहुंचा तस्कर, पिस्टल - कारतूस सहित धरा
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शिमला के एतिहेसिक रिज पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है। इसका अनावरण 15 जुलाई को किया जाएगा। पहले अनावरण कार्यक्रम 23 जून को रखा गया था, लेकिन आला कमान ने इस समारोह में आने की इच्छा जताई है। जिसके चलते समारोह को 15 जुलाई के लिए निर्धारित किया गया है।
इस चवरख में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, कुलदीप पठानिया, उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन, मंत्री यादविंद्र सिंह गोमा, मंत्री चंद्र कुमार, मंत्री रोहित ठाकुर, कर्नल धनीराम शांडिल, विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार, विधायक देहरा कमलेश ठाकुर, सहित कई कांग्रेस नेता मौजूद रहे।