#राजनीति
June 24, 2025
हिमाचल हाईकोर्ट से भाजपा नेताओं को राहत, बिंदल-सुखराम की बढ़ी जमानत अवधि; जानें मामला
हाईकोर्ट ने दोनों भाजपा नेताओं को पुलिस जांच में सहयोग के दिए निर्देश
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में भाजपा के शीर्ष नेताओं के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के बीच मंगलवार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल और पांवटा साहिब से विधायक सुखराम चौधरी को अग्रिम जमानत की अवधि 8 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। हाईकोर्ट ने दोनों नेताओं को निर्देश दिए हैं कि वे पुलिस जांच में पूर्ण सहयोग करें और पूछताछ के लिए उपलब्ध रहें।
यह मामला सिरमौर जिले के माजरा क्षेत्र में कथित सांप्रदायिक तनाव और प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना से जुड़ा है। दरअसल 13 जून को माजरा में एक युवती के कथित अपहरण के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया था। अपहरण का आरोप समुदाय विशेष के युवक पर लगाया गया, जिससे जनाक्रोश भड़क गया। इस दौरान सैंकड़ों लोगों ने रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।
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स्थिति को देखते हुए सिरमौर के उपायुक्त ने 14 जून को माजरा थाना क्षेत्र में धारा 163 लागू कर दी, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे। लेकिन अगले ही दिन भाजपा नेताओं ने सैंकड़ों समर्थकों के साथ धारा-163 का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शन किया। पुलिस का आरोप है कि इस दौरान माहौल को जानबूझकर भड़काने की कोशिश की गई, जिससे तनाव और बढ़ा।
पुलिस ने डॉ राजीव बिंदल और सुखराम चौधरी समेत करीब 50 लोगों पर केस दर्ज किया, जिसमें धारा 163 के उल्लंघन के साथ.साथ हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोप भी शामिल हैं। इस पर भाजपा नेताओं ने हाईकोर्ट का रुख करते हुए अग्रिम जमानत की मांग की थी। अदालत ने सुनवाई के बाद 8 जुलाई तक उन्हें गिरफ्तारी से राहत देते हुए जांच में सहयोग के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 27 जून को होगी।
इस मामले ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। भाजपा इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रही है, जबकि कांग्रेस सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने की बात कह रही है। प्रदेश भाजपा नेताओं का दावा है कि प्रदेश की सुक्खू सरकार भाजपा नेताओं को फंसाकर जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है।
13 जून को माजरा थाना क्षेत्र की एक युवती के कथित अपहरण की खबर फैलते ही स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया था। बताया गया कि युवती को समुदाय विशेष का युवक बहला.फुसलाकर ले गया था। इसे लेकर इलाके में तनाव फैल गया और 14 जून को विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं की अगुवाई में सैंकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए।
प्रशासन द्वारा लागू धारा-163 के बावजूद यह प्रदर्शन हुआ, जिसे लेकर पुलिस ने कड़ी आपत्ति जताई। इस दौरान भाजपा नेता डॉ राजीव बंदल और एसडीएम के बीच तीखी नोकझोक भी हुई थी। आरोप है कि भीड़ उग्र हो गई और कानून व्यवस्था को चुनौती दी गई। इसी आधार पर डॉ बिंदल और सुखराम चौधरी सहित कई लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। अब जब हाईकोर्ट ने इन नेताओं को अस्थायी राहत दी है, तब यह देखना बाकी है कि आगामी 27 जून की सुनवाई में हिमाचल हाईकोर्ट इस मामले में क्या फैसला देता है।