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July 13, 2025
हिमाचल: भूस्खलन से पूरे गांव पर मंडराया खतरा, खेतों-घरों में आई दरारें; दहशत में 14 परिवार
गांव के 14 परिवार की उड़ गई रातों की नींद, प्रशासन से की अपील
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मंडी। हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून फिर से आफत बनकर बरस रहा है। मंडी जिला में पिछले दिनों हुई भयंकर तबाही के बाद अब भूस्खलन की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। प्रदेश में कई जगहों पर भूस्खलन से कई घरों को खतरा पैदा हो गया है। ऐसे ही कुछ हालात मंडी जिला के दरंग विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत शेगली के कालंग गांव में पैदा हो गए हैं। यहां गांव के साथ पहाड़ियों से लगातार भूस्खलन हो रहा है। जिसने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है।
भूस्खलन से गांव के पीछे की जमीन तेजी से खिसक रही है, जिससे खेतों में बड़ी.बड़ी दरारें पड़ गई हैं और अब यह संकट रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया है। इस समय गांव के 14 परिवार खतरे की जद में हैं। बड़ी बात यह है कि कालंग गांव बीते एक दशक से ज्यादा समय से लैंडस्लाइड की मार झेल रहा है। वर्ष 2013 से यहां जमीन खिसकने और घरों में दरारें पड़ने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। अब तक इस गांव के लोगों की करीब 100 बीघा से अधिक जमीन और एक सरकारी प्राइमरी स्कूल भूस्खलन की भेंट चढ़ चुका है। साल 2023 में बागी नाले के पास बना पुल भी इसी भूस्खलन की चपेट में आकर टूट गया था, जिससे पूरे पराशर क्षेत्र की आवाजाही बाधित हो गई थी।
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गांव के पास बन चुकी करीब 300 फुट गहरी खाई लोगों में दहशत का कारण बन गई है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में बागी कटौला क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने का एक बड़ा कारण यही खिसकती हुई भूमि है। इस बार बरसात से पहले ही जिन तीन मकानों में गहरी दरारें आ चुकी थीं, उन्हें खाली कर दिया गया है और परिवारों को अस्थायी तौर पर अन्य जगहों पर शरण लेनी पड़ी है।
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स्थानीय निवासी राज ठाकुर ने बताया कि ग्रामीणों ने वर्ष 2024 में संभावित खतरे को देखते हुए डीसी मंडी से मुलाकात की थी, जिसके बाद राजस्व विभाग की एक टीम ने मौके का दौरा भी किया था और अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपी थी, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
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भाजपा दरंग मंडल अध्यक्ष राजू ठाकुर और अन्य ग्रामीणों जसपाल, बिरि सिंह, कुर्म देव, रामसिंह और मान सिंह ने प्रशासन से कालंग गांव को असुरक्षित क्षेत्र घोषित कर तत्काल पुनर्वास की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया तो गांव में बड़ी जनहानि हो सकती है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि कालंग गांव की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसे प्राथमिकता के आधार पर पुनर्वास योजना में शामिल किया जाए। उनका कहना है कि जब तक प्रशासन स्थिति का स्थलीय निरीक्षण कर कोई ठोस निर्णय नहीं लेता, तब तक पूरे गांव के सिर पर खतरा मंडराता रहेगा।