#धर्म
February 2, 2025
हिमाचल की वो पवित्र झील- जिसे खोजा था एक गद्दी चरवाहे ने, यहां नहीं जा सकती महिलाएं
कठिन है इस झील तक पहुंचने का रास्ता
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शिमला। हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य, ऊंचे पर्वतों और गहरी घाटियों के साथ-साथ रहस्यमयी झीलों के लिए भी प्रसिद्ध है। इन झीलों का न केवल वैज्ञानिक बल्कि धार्मिक और पौराणिक महत्व भी है। कई झीलें ऐसी हैं, जिनसे देवी-देवताओं की गहरी आस्था जुड़ी हुई है और ये भक्तों के लिए तीर्थस्थल के रूप में पूजी जाती हैं।
हिमाचल की इन झीलों से जुड़ी आस्थाएं और रहस्य इसे एक आध्यात्मिक और प्राकृतिक धरोहर बनाते हैं, जहां हर साल हजारों भक्त और पर्यटक दर्शन के लिए आते हैं। वहीं, हिमाचल के लोग देवी-देवताओं को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानते हैं। लोगों की देवी-देवताओं के प्रति आस्था इतनी गहरी है कि वे अपने दैनिक जीवन के हर छोटे-बड़े निर्णय में उन्हें शामिल करते हैं।
आज के अपने इस लेख में हम आपको हिमाचल की एक ऐसी पवित्र झील के बारे में बताएंगे- जिसे एक गद्दी चरवाहे ने खोजा था। मगर जब बाद में देव विधि से इसकी परख की गई तो ये हमारे महादेव का वो पवित्र स्थान निकला- जहां समुद्र मंथन से निकला विष ग्रहण करने के बाद हमारे महादेव विराजमान हुए थे।
हम बात कर रहे हैं नीलकंठ महादेव झील की- जिसके सामने मौजूद चोटी को नीलकंठ कैलाश भी कहा जाता है। जनश्रुतियों के अनुसार, सबसे पहले एक गद्दी चरवाहे ने नीलकंठ महादेव झील के चमत्कार को देखा था।
जब एक याक रुपी जानवर उसे झील से बाहर निकलता दिखा और देखते ही देखते लुप्त हो गया। इसके बाद उस गद्दी शख्स ने पहाड़ से नीचे उतरकर घाटी के लोगों को यह घटना बताई। फिर जब लोगों ने देव-विधि से इसकी छानबीन की, तब उन्हें पता चला कि ये नीलकंठ महादेव का पवित्र स्थान है।
वहीं, आज भी कई श्रद्धालु दावा करते हैं कि उन्होंने झील के अंदर इमारतों, पेड़ों एवं महलों के प्रतिबिंब देखे हैं। बहरहाल, सी लेवल से 13,777 फीट की उंचाई पर मौजूद इस पवित्र स्थान पर झील के पास भगवान शिव का एक छोटा सा मंदिर भी है।
इस मंदिर के दर्शन मात्र के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु अपनी जान को जोखिम में डालकर इस पवित्र स्थान पर पहुंचते हैं। मगर इस स्थान से जुड़ा एक चौंकाने वाला एक फैक्ट ये भी है कि नीलकंठ महादेव की यात्रा पर महिलाऐं नहीं जा सकतीं हैं।
मान्यता है कि, अगर कोई पुरुष इस झील में स्नान कर लेता है - तो उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है, यानी उनके घर बेटा जन्म लेता है। पुराने लोगों की मानें तो कई साल पहले एक विदेशी महिला उस झील की ओर गई थी, लेकिन रास्ते में ही पहाड़ी से गिरकर उसकी मौत हो गई थी।