#धर्म
February 1, 2025
हिमाचल में इस साल पड़ेगा सूखा- स्वर्ग प्रवास से लौटे देवी-देवताओं ने बताया भविष्य
ना तो होगी फसल अच्छी और ना ही होगी बारिश-बर्फबारी
शेयर करें:
शिमला। देवभूमि हिमाचल के कण-कण में देवी-देवताओं का वास है। हिमाचल के लोगों की देवी-देवताओं से अनोखी आस्था जुड़ी हुई है। हिमाचल के लोग देवी-देवताओं को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानते हैं। लोगों की देवी-देवताओं के प्रति आस्था इतनी गहरी है कि वे अपने दैनिक जीवन के हर छोटे-बड़े निर्णय में उन्हें शामिल करते हैं।
आज के अपने इस लेख में हम बात करेंगे स्वर्ग प्रवास से लौटे हिमाचल के देवी-देवताओं की भविष्यवाणी की। दरअसल, हिमाचल के कई देवी-देवाता स्वर्ग प्रवास से लौट चुके हैं।
स्वर्ग प्रवास से लौटे देवी-देवताओं ने पूरे एक साल का भविष्य बताया है। मगर इस बार के संकेत अच्छे नहीं हैं। देवी-देवातओं की भविष्यवाणी के अनुसार, हिमाचल में इस साल भयंकर सूखा पड़ेगा। जिसके चलते इस बार ना तो फसल अच्छी होगी और ना ही बारिश-बर्फबारी।
आपको बता दें कि अप्पर हिमाचल में मकर सक्रांति के दिन स्वर्ग प्रवास पर गए देवी-देवता, 15 दिनों के बाद अपने देवालयों में लौटने लगे हैं। रामपुर, कोटगढ़, कुल्लू, मंडी और किन्नौर के कई सारे देवी-देवताओं ने देवालयों में वापस लौटने के बाद अपने गूर के माध्यम से अगले एक वर्ष का वृत्तांत जनमानस के सामने रखा है।
जिला कुल्लू के देव कुई कण्डा नाग जी ने अपनी देववाणी में बताया है कि इस साल प्राकृतिक आपदाएं और आगजनी जैसी कई घटनाएं घटित होंगी। वहीं, रामपुर बुशहर के देवता पल्थान देलठ ने भी अपने गुर के माध्यम से कहा है कि इस वर्ष सूखे जैसे हालात रहेंगे और नकदी फसलें भी कम होंगी।
इसी तरह कोटगढ़ के आराध्य देव चतुर्मुख महाराज मैलन की देववाणी के अनुसार भी ये साल बेहतर साबित नहीं होने वाला यानी यहां से भी संकेत अच्छे नहीं हैं। देवता साहिब ने बताया है कि इस साल बिलकुल न के बराबर फसल होगी- अब वो चाहे सेब हों या फिर स्टोन फ्रूट्स। इसके अलावा आमजन में कई बीमारियां फैलने की भी भविष्यवाणी हुई है।
वहीं, ननखरी क्षेत्र के देवता साहिब डोम देवता लैलन ने अपनी भविष्यवाणी में कहा कि- उनके क्षेत्र में फसल तो होगी मगर सूखा बरकरार रहेगा इसके अलावा कई देवी-देवताओं ने अपने इलाकों में ओले पड़ने और कहीं अच्छी बारिश होने की भी भविष्यवाणी की है। वहीं स्वर्ग से एक खुशखबरी ये भी आई है कि देवासुर संग्राम में देवताओं की विजय हुई और दानव पराजय हुए हैं।