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January 31, 2025

हिमाचल में इस देवी स्थान पर चारों ओर रक्षक बनकर विराजते हैं भगवान शिव

माता रानी ने भक्त को दिए थे कन्या रूप में दर्शन

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Mata Chintpurni

शिमला। देवभूमि हिमाचल अपनी सुंदर वादियों के साथ-साथ प्राचीन और चमत्कारी मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यहां सदियों से देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। कई मंदिरों से जुड़े अलौकिक चमत्कार लोगों की आस्था को और मजबूत करते हैं। इन मंदिरों में हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।

रक्षक बन विराजते हैं शिव

हिमाचल की इन धार्मिक स्थलों की महिमा और चमत्कार इसे आस्था और भक्ति का अद्वितीय केंद्र बनाते हैं। आज के अपने इस लेख में हम आपको हिमाचल के ऐसे देवी स्थान के बारे में बताएंगे- जिसके चारों ओर भगवान शिव रक्षक बनकर विराजते हैं।

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यहां गिरे थे माता सती के पैर

इस मंदिर में माता रानी ने अपने भक्त को कन्या रूप में दर्शन भी दिए थे- जिसके प्रमाण आज भी मंदिर में मौजूद हैं। हम बात कर रहे हैं छिन्नमस्तिका माता चिंतपूर्णी की। भक्तों की सभी चिंताएं हर लेनी वाली माता चिंतपूर्णी का यह मंदिर 51 शक्तिपीठों  में से एक है-जहां माता सती के पैर गिरे थे।

 

भक्त को माता ने दिए दर्शन

पौराणिक कथाओं में इसका जिक्र होता है कि यहीं पर मां भगवती ने भक्त 'मैदास जी' को कन्या रूप में साक्षात दर्शन दिए थे और उनकी चिंता दूर हो गई थीं। कहा जाता है कि मैदास जी को दर्शन देने के बाद माता ने उनसे कहा कि वो जहां से भी पत्थर हटाएंगे-वहां से पानी निकलना शुरू हो जाएगा। ऐसे में माता के कहे अनुसार भक्त मैदास ने जब वहां से पत्थर हटाया तो उसी स्थान से जल प्रवाह शुरू हो गया।

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पत्थर हटाकर निकाला पानी

आज भी इस पानी से बना तालाब मौके पर मौजूद है। साथ ही भक्त मैदास ने जिस पत्थर को निकाला था- वो पत्थर आज भी माता चिंतपूर्णी मंदिर के मुख्य द्वार के पास दाईं ओर रखा देखा जा सकता है।

चारों ओर शिव करते हैं वास

चिंतपूर्णी मंदिर की एक खासियत यह भी है कि मंदिर के चारों ओर स्वयं भगवान शिव वास करते हैं। मंदिर के पूर्व में कालेश्वर महादेव मंदिर, पश्चिम में नारायण महादेव मंदिर, उत्तर में मककंद महादेव मंदिर और दक्षिण में शिव बारी मंदिर आज भी मौजूद हैं।

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