#धर्म
January 30, 2025
हिमाचल का वो मंदिर- जहां साक्षात दर्शन देते हैं नाग देवता, काल सर्प दोष से मिलती है मुक्ति
मिट्टी का छिड़काव करने से दूर होते हैं कष्ट
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कांगड़ा। देवभूमि कहलाए जाने वाला हिमाचल अपनी सुंदर वादियों के साथ-साथ प्राचीन और चमत्कारी मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यहां सदियों से देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, और कई मंदिरों से जुड़े अलौकिक चमत्कार लोगों की आस्था को और मजबूत करते हैं। लोगों की मान्यता है कि यहां के देवी-देवता अपने भक्तों की पुकार सुनकर उनका कल्याण करती हैं।
इन मंदिरों में हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं। हिमाचल की इन धार्मिक स्थलों की महिमा और चमत्कार इसे आस्था और भक्ति का अद्वितीय केंद्र बनाते हैं। आज के अपने इस लेख में हम आपको हिमाचल के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे- जहां नाग देवता साक्षात दर्शन देते हैं।
इस मंदिर की मिट्टी का छिड़काव करने से घर में सांप-बिच्छु नहीं आते हैं। इतना ही नहीं यहां इतनी शक्ति है कि नाग देवता अपने भक्तों को मौत के मुंह से बाहर निकाल लाते हैं।
हम बात करे हैं कि जमुआला दा नाग मंदिर की- जिन्हें श्री शेष नाग देवता भी कहा जाता है। लोग बताते हैं कि अगर किसी की कुंडली में काल सर्प दोष हो तो श्री शेष नाग देवता के दर्शन कर लेने मात्र से वह खत्म हो जाता है।
धर्मशाला होशियारपुर मार्ग पर देहरा में पड़ने वाला जमुआला नाग मंदिर को लेकर मान्यता है कि जिस किसी को सांप या बिच्छू काट ले तो मात्र तीन बार परिक्रमा कर काटे गए स्थान पर धागा बांधने और यहां की चमत्कारी मिट्टी का लेप लगाने से रोगी ठीक हो जाता है।
पुजारी बताते हैं कि जमुआल नाग के भक्त यहां की चमत्कारी मिट्टी अपने साथ घर ले जाते हैं। इस चमत्कारी मिट्टी को लेकर मान्यता है कि अगर भक्त अपने घर के आसपास इस मिट्टी को पानी में घोल कर छिड़क लें- तो जहरीले सांप-बिच्छू आपके घर के आसपास भी नहीं फटकेंगे।
इतिहास बताता है कि कई सौ साल पहले जम्मू से कुछ जमुआल परिवार हिमाचल आकर बसे। मगर उनके कुल देव श्री शेष नाग देवता जम्मू में अकेले ही रह गए। फिर परिवार के एक बुजुर्ग को नाग देवता ने सपने में दर्शन देकर हिमाचल में बसने की इच्छा जताई।
जमुआल परिवार के लोग ढोल-नगाड़ों के साथ पालकी में श्री शेष नाग देवता को रानीताल के पास चेलियां गांव लेकर आ गए और यहां उन्हें विराजित किया। जहां आज भी श्री शेष नाग देवता सार्वजनिक रूप से दर्शन देते हैं।