#धर्म
December 6, 2025
महाभारत की हिडिंबा कैसे बनीं हिमाचल की देवी ? इन्हीं के आशीर्वाद से शुरू हुआ था राजपाठ
राजपरिवार दादी के रूप में करता है पूजा
शेयर करें:

कुल्लू। हिमाचल देवी-देवताओं की भूमि है लेकिन अगर हम आपसे ये कहें कि इसी हिमाचल में एक असुर की पूजा भी होती है तो क्या आप विश्वास करेंगे ? आपको शायद विश्वास ना हो लेकिन ये सच है। प्रदेश के कुल्लू जिले में कुछ ऐसा ही है। आइए जानते हैं क्यों और कैसे ?
कहानी महाभारत काल से ताल्लुक रखती है जब पांडव अज्ञात वास पर थे। इसी दौरान हिडिंब नाम का दैत्य भी जंगलों में रहता था। हिडिंबा इसी दैत्य की बहन थी जो खुद भी असुर कहलाती थी। भीम का दैत्य हिडिंब से युद्ध हुआ जिसमें उसे भीम ने हरा दिया।
यह भी पढ़ें: हिमाचल : दोस्त की शादी में जा रह थे 2 फौजी, गहरी खाई में समाई कार- कोई नहीं बचा
इसके बाद हिडिंबा ने भीम से शादी कर ली क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि हिडिंबा ने प्रण लिया था कि जो उसके दैत्य भाई को हराएगा, वो उसी से शादी करेंगी। अब अज्ञातवास समाप्त होने पर पांडवों के लौटने का समय हो गया था।
इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने हिडिंबा से कहा कि अगर वो पांडवों के साथ जाती हैं तो वे हमेशा असुर ही कहलाएंगी लेकिन अगर वो शरवरी माता के मंदिर के पास तपस्या करेंगी तो उनके कुल का कोई व्यक्ति उन्हें कुल देवी का स्थान देगा।
यह भी पढ़ें: सुक्खू सरकार की नई पहल- ड्रोन से भेजे जाएंगे मरीजों के सैंपल और दवाइयां, बदलेगा हेल्थ सिस्टम
ऐसे में हिडिंबा अपने पुत्र घटोत्कच के साथ मनाली के डूंगरी क्षेत्र में रुक जाती हैं और तपस्या करती हैं। इससे मां भगवती उनसे प्रसन्न हो जाती हैं और उन्हें दिव्य शक्तियां प्राप्त होती हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें कोई पूजा नहीं करता था।
अकाल के बाद भृंगमुनि पाल नामक व्यक्ति यहां आता है जो देवी हिडिंबा को दादी कहकर बुलाता है। तब से देवी उन्हें आशीर्वाद देती हैं। वो कहती हैं- जब तक उनका परिवार उन्हें दादी के रूप में पूजेगा, तबतक राजपाठ उनके पास रहेगा। तब से हिडिंबा को कुल्लू के राजघराने की दादी कहा जाता है।
यह भी पढ़ें: द ग्रेट खली को किसने धमकाया? DC ऑफिस पहुंचा दी शिकायत, बोले- साजिश रची जा रही
जब मां हिडिंबा कुल्लू दशहरा में पहुंचती हैं तो राजपरिवार रामशिला में उनकी छड़ी लेकर जाता है। खास बात है कि जब मां हिडिंबा राजमहल पहुंचती हैं उनका स्वागत नहीं किया जाता बल्कि पूरा राजपरिवार छिप जाता है। देवी खुद सब सदस्यों को बुलाती हैं, तभी वे सामने आते हैं।