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October 17, 2025

हिमाचल में 18 साल बाद होगी देव संसद, माता हिडिम्बा ने भविष्य को लेकर जताई है चिंता

300 से ज्यादा देवी-देवताओं के देवलू आएंगे नग्गर

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Himachal News

कुल्लू। 31 अक्टूबर को कुल्लू जिले के नग्गर स्थित जगती पट के पास देव संसद यानी बड़ी जगती का आयोजन होगा। इसमें 300 से अधिक देवी-देवताओं के देवालयों से देव औजार लेकर देवलू नग्गर आएंगे। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान माता हिडिम्बा ने भविष्य में समय अच्छा नहीं दिखने को लेकर देव संसद बुलाने के आदेश दिए थे। माता के इसी आदेश के चलते ये आयोजन होने जा रहा है।

18 सालों बाद देव संसद का आयोजन

कुल्लू में इस तरह की बड़ी जगती 18 सालों बाद होने जा रही है। इससे पहले हिमालयन स्की विलेज को लेकर साल 2007 में देव संसद का आयोजन हुआ था। तब देव संसद में देवी-देवताओं ने स्की विलेज प्रोजेक्ट को स्थापित ना करने के आदेश दिए थे।

 

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कंपनी को लौटना पड़ गया था वापस

इन आदेशों के बाद कंपनी को अपना सामान समेट कर वापस लौटना पड़ा था। हालांकि 5 साल पहले कुल्लू में दशहरा उत्सव के बाद देव आदेश पर रघुनाथ जी के मंदिर में जगती का आयोजन हुआ था। गौरतलब है कि नग्गर में होने वाली देव संसद को बड़ी जगती कहा जाता है।

माता ने कहा- मनुष्य हठधर्मी छोड़ दे

देवलू बताते हैं कि दशहरा उत्सव के समय माता हिडिम्बा ने जगती करने के आदेश दिए थे। मां ना स्पष्ट रूप से कहा कि मनुष्य हठधर्मी छोड़ दे। आने वाला वक्त अच्छा नहीं दिख रहा है। इसी के निवारण के लिए देव संसद बुलाई जाए।

 

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31 अक्टूबर को नग्गर में आयोजन

मनुष्यों पर विपदा को टालने के लिए 31 अक्टूबर को नग्गर में देव संसद का आगाज होगा। इसमें देवी-देवताओं के गूर, पुजारी व कारकून देव औजारों के साथ पहुंचेंगे। रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह व कारदार दानवेंद्र सिंह सभी देव कारकूनों के समक्ष पूछ डालकर विपत्ति को टालने के लिए समाधान का अनुरोध करेंगे।

अपवित्र किया गया था देव स्थान

5 साल पूर्व ढालपुर में देवता के बैठने के स्थान को अपवित्र किया गया था। इसके बाद दशहरा उत्सव से वापस लौटे देवता नाग धुंबल फिर से ढालपुर पहुंचे। प्रशासन की ओर से देवता स्थान को अपवित्र करने के लिए माफी भी मांगी गई थी।

 

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कुश्टु काहिका से किया शुद्धिकरण 

कुछ अन्य त्रुटियों को लेकर भी देवता ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद सुल्तानपुर में जगती हुई और ढालपुर में दशहरा उत्सव के दौरान बिजली महादेव की अगुवाई में कुश्टु काहिका का आयोजन हुआ। इसके जरिए मैदान को शुद्ध किया गया।

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