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September 10, 2025

हिमाचल की ये देवी मां- सपनों में दिखा देती हैं संकट, बेटियों का दुख देख हो जाती हैं क्रोधित

देवी मां की तपस्या से प्रसन्न हो गए कैलाश

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Himachal Devi Devta

किन्नौर। हिमाचल प्रदेश की एक ऐसी देवी मां हैं जिन्होंने किन्नर कैलाश को देव विधि से प्रसन्न कर दिया था। ये देवी मां आने वाले संकट को सपनों में ही दिखा देती हैं और अगर किसी महिला पर अन्याय हुआ तो उनके प्रचंड रूप से कोई नहीं बच पाता।

भाई से मिला था धोखा

किन्नौर की आराध्य शक्ति मां मिलाखयुंग डोम्बर जी अपने भाई से मिले धोखे के कारण ऐसी जगह पर पहुंची गईं जहां सामने से किन्नर कैलाश दिखता था। कथा के मुताबिक मां मूल रूप से जंगी गांव से थीं। 

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बहन से किया गया छल

उनके भाई देव श्री ग्यानमा युंग, अक्पा गांव में अपनी देव सत्ता स्थापित करना चाहते थे, मगर सामने खड़े कैलाश पर्वत को प्रसन्न करना उनके वश में नहीं था। ऐसे में भाई ने अपनी बहन से छल किया। मां को अक्पा बुलाया और स्वयं जंगी में बस गए। 

तपस्या से कैलाश प्रसन्न 

यहां मां का दुर्गा स्वरूप सिद्ध हुआ और उनकी तपस्या से कैलाश प्रसन्न हो गए। आज मां मिलाखयुंग डोम्बर, अक्पा गांव की अधिष्ठात्री शक्ति हैं मगर धोखे की वो स्मृति आज भी शेष है। 

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देवलोक जाती हैं देवी मां 

वहीं, हर साल 1 माघ को मां देवलोक जाती हैं और वापसी की रात को उनके मंदिर में पुजारी, माथस और माली को रुकना होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसी रात मां उन्हें सपनों में बताती हैं कि क्या-कैसा संकट आने वाला है और फिर उसी हिसाब से पूजा करवाई जाती है जिससे जनता, फसल और भविष्य तीनों सुरक्षित रहे। 

बुद्ध मंदिर में विराजमान 

वहीं, इसके बाद मां सात दिन तक बुद्ध मंदिर में विराजमान रहती हैं जिसे जीठौ जाल कहा जाता है। इसके बाद मां अपने जन्मस्थान जंगी गांव जाती हैं जहां फुलायच मेले का आयोजन होता है और मां वहां अपना बखान सुनाती हैं। 

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बेटी का दुख नहीं सहती मां

वहीं, हर तीन साल में देवी मां जुंगलिंग धार की यात्रा करती हैं, जहां उनका विशेष पूजन होता है लेकिन मां का असली रूप तब प्रकट होता है - जब उनकी कोई बेटी कहीं दुख सहती है। फिर चाहे वो कितनी भी दूर हो, मां की चेतना वहां तक पहुंचती है और फिर वो चुप नहीं बैठतीं।

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