#धर्म
December 16, 2025
हिमाचल पहुंचे छत्रधारी चालदा महासू ने करवाया दिव्य उपस्थिति का एहसास, युवती में आई देव शक्ति
दुकानों घरों की छतों पर खड़े लोगों को युवती ने चंद सेकेंड में नीचे उतारा
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नाहन। हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब क्षेत्र में इन दिनों देव आस्था का विशेष वातावरण बना हुआ है। उत्तराखंड से हिमाचल पहुंचे छत्रधारी चालदा महासू महाराज एक वर्ष के प्रवास के लिए पश्मी गांव में तैयार भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं। उत्तराखंड से हिमाचल की धरती पर कदम रखते ही छत्रधारी चालदा महासू महाराज ने अपनी दिव्य उपस्थिति का अहसास भी करवा दिया।
दरअसल द्राबिल में रात्रि विश्राम के बाद जब देव यात्रा शिलाई से गुजरी, तो आस्था और देव परम्पराओं का ऐसा अद्भुत दृश्य सामने आया, जिसने श्रद्धालुओं को विस्मित कर दिया। एक युवती में आई देव शक्ति ने पलभर में मर्यादा भंग कर रहे लोगों को देवता से ऊंचे स्थानों से नीचे उतार दिया। इस अद्भुत दृश्य को देख कर ना सिर्फ लोग, बल्कि सुरक्षा संभाल रही पुलिस भी दंग रह गई।
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दरअसल सोमवार तड़के ब्रह्म मुहूर्त में महासू महाराज विधिवत रूप से पश्मी मंदिर में विराजमान हुए। इससे पहले देव यात्रा ने द्राबिल में रात्रि विश्राम किया और प्रातः शिलाई बाजार की ओर प्रस्थान किया। जैसे ही यात्रा शिलाई के समीप पहुंची, पूरा क्षेत्र देव भक्ति, ढोल.नगाड़ों और जयकारों से गूंज उठा। महाराज के दर्शन के लिए शिलाई बाजार के दोनों ओर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कई लोग दुकानों और मकानों की छतों पर चढ़कर दर्शन करने लगे, जबकि देव परम्परा के अनुसार देवता से ऊंचे स्थान पर खड़ा होना वर्जित माना जाता है।
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इसी दौरान एक युवती में अचानक देव शक्ति का आवेश आ गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वह कुछ ही क्षणों में एक छत पर पहुंची और वहां खड़े लोगों को तत्काल नीचे उतरने के लिए विवश कर दिया। यह पूरा घटनाक्रम कुछ सेकंड में घटित हुआ, लेकिन उसका प्रभाव गहरा था। मौजूद श्रद्धालु स्तब्ध रह गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिसकर्मी भी यह दृश्य देखकर हैरान रह गए। जहां सामान्यतः इतनी भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है, वहीं इस बार देव शक्ति के प्रभाव से भीड़ स्वतः ही अनुशासित हो गई।
घटना के दौरान न तो किसी प्रकार की अफरा-तफरी हुई और न ही किसी दुर्घटना की सूचना मिली। इससे प्रशासन ने भी राहत की सांस ली। श्रद्धालुओं ने इस घटनाक्रम को महासू महाराज की लीला और देव चेतावनी के रूप में देखा। शिलाई में घटित यह घटना केवल एक दृश्य नहीं, बल्कि हिमाचल की गहरी लोक आस्था, देव परम्पराओं और सांस्कृतिक विश्वासों का सशक्त उदाहरण है। आधुनिक दौर में भी ऐसी घटनाएं यह साबित करती हैं कि हिमाचल की देव संस्कृति आज भी जनमानस में पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ जीवंत है।