#राजनीति
December 16, 2025
सुक्खू सरकार ने धारा 118 संशोधन का विरोध करने वालों को ही दे दी जिम्मेदारी, कमेटी के बनाए सदस्य
कई धाराओं को सरल बनाने का प्रस्ताव
शेयर करें:

शिमला। हिमाचल प्रदेश में भूमि से जुड़े कानूनों में प्रस्तावित बदलावों को लेकर सुक्खू सरकार ने अहम कदम उठाया है। हिमाचल प्रदेश भू-अभिधृति एवं भूमि सुधार संशोधन विधेयक, 2025 पर गहन विचार-विमर्श के लिए विधानसभा की एक सेलेक्ट कमेटी का गठन किया गया है। खास बात यह है कि जिन भाजपा विधायकों ने धारा-118 में प्रस्तावित संशोधन का कड़ा विरोध किया था, उन्हें भी कमेटी में शामिल किया गया है।
सरकार का कहना है कि सभी पक्षों की राय लेकर विधेयक पर संतुलित फैसला किया जाएगा। यह कमेटी विधेयक के विभिन्न प्रावधानों का अध्ययन कर अपनी सिफारिशें देगी, जिसके बाद इसे आगामी विधानसभा सत्र में दोबारा सदन में पेश किया जाएगा। इस संबंध में विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। प्रवर समिति के सभापति राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी होंगे।
समिति में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के विधायकों को शामिल किया गया है, ताकि विधेयक पर संतुलित और व्यापक चर्चा हो सके। समिति के सदस्यों में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल, संजय रतन और हरीश जनारथा शामिल हैं। वहीं भाजपा की ओर से विधायक सुखराम चौधरी, सतपाल सिंह सत्ती, रणधीर शर्मा और त्रिलोक जम्वाल को समिति का सदस्य बनाया गया है।
गौरतलब है कि यह संशोधन विधेयक शीतकालीन सत्र के दौरान धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में सदन के पटल पर रखा गया था, लेकिन उस समय इसे पारित नहीं किया जा सका।
विपक्ष ने विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर आपत्ति जताते हुए इसे राज्य के हितों से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा बताया और या तो विधेयक को वापस लेने अथवा सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की थी। इसी के चलते सरकार ने इसे प्रवर समिति के पास भेजने का फैसला लिया।
संशोधन विधेयक के तहत कई धाराओं को सरल और व्यावहारिक बनाने का प्रस्ताव है। इसमें कृषि सहकारी सभाओं को जमीन लीज पर लेने में अधिक छूट देने, ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-कृषकों को भवन किराये पर लेने के लिए दस वर्ष तक की अनुमति देने और धारा-118 के तहत जमीन प्राप्त कर बनाए गए फ्लैट को हस्तांतरित करने के बाद दोबारा अनुमति लेने से छूट देने जैसे प्रावधान शामिल हैं।
अब विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया द्वारा समिति के गठन के लिए सदस्यों के नाम नामित किए जाने के बाद यह प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। सेलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार अगली विधानसभा बैठक में इस विधेयक को पुनः चर्चा और पारित कराने के लिए प्रस्तुत करेगी।