#राजनीति
October 24, 2025
NH-5 पर उखड़ी टारिंग की विक्रमादित्य ने मांगी रिपोर्ट, बोले- लापरवाही बर्दाशत नहीं होगी
विक्रमादित्य बोले टीम को मौके पर भेज कर जांच के दिए निर्देश
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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण विभाग का जिम्मा संभाल रहे विक्रमादित्य सिंह अकसर गुणवत्तपूर्ण सड़कों के निर्माण की बात करते हैं। लेकिन धरातल पर सड़कें कितनी गुणवत्तापूर्ण बन रही हैं, इसका जीता जागता उदाहरण दो दिन पहले ही ठियोग में नेशनल हाइवे पांच पर की गई टारिंग ने उजागर कर दिया है। इस सड़क पर की गई टारिंग मात्र दो दिन बाद ही उखड़ने लगी थी। जिसके सोशल मीडिया पर जमकर वीडियो वायरल हुए थे। अब इस मामले में विक्रमादित्य सिंह ने संज्ञान लिया है।
इस मामले में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्हें इस सड़क पर टारिंग उखड़ने की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि मामले में सख्त संज्ञाल लिया गया है और इस पूरे मामले में संबंधित चीफ इंजीनियर से रिपोर्ट तलब की है। विभाग ने तकनीकी टीम को भी निर्देश दिए हैं कि वे मौके पर जाकर मेटलिंग कार्य की गुणवत्ता की जांच करें और यह पता लगाएं कि किन कारणों से सड़क की सतह इतनी जल्दी उखड़ गई।
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मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ठियोग में सड़क निर्माण की गुणवत्ता को लेकर उन्हें शिकायतें मिली हैंख् और विभाग ने तुरंत कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि मैंने केंद्र सरकार के समक्ष इस सड़क की मजबूती के लिए आवाज उठाई थी और लगभग चार करोड़ रुपए की राशि मंजूर करवाई थी। सरकार की मंशा है कि राज्य में गुणवत्ता पूर्ण सड़कों का निर्माण हो। लेकिन यदि किसी ने कार्य में लापरवाही की है, तो उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। मंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और तकनीकी मानकों का पालन सुनिश्चित करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
हाल ही में ठियोग में नेशनल हाईवे-5 की मेटलिंग का कार्य शुरू किया गया था। टेंडर आवंटन के बाद सड़क पर ताज़ा टारिंग की गई, लेकिन दो से तीन दिन के भीतर ही सड़क की सतह कई स्थानों पर उखड़ने लगी। स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें सड़क की ऊपरी परत हाथ से ही निकलती दिख रही है। वीडियो वायरल होने के बाद आम जनता ने कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाए और ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
ठियोग के इस प्रकरण ने एक बार फिर लोक निर्माण विभाग की निगरानी और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बार.बार होने वाले ऐसे निर्माण घोटालों और तकनीकी लापरवाहियों ने विभाग की साख को झटका दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर बार भारी बजट और टेंडर के बाद भी सड़कें कुछ ही दिनों में खराब हो जाती हैं। इससे न केवल सरकारी धन की बर्बादी होती हैए बल्कि लोगों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती है।
विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार मेटलिंग कार्य में इस्तेमाल की गई सामग्री, तापमान और तकनीकी प्रक्रिया की जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने पर ठेकेदार या संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।