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March 26, 2025

सुक्खू सरकार का बजट पारित: सिर्फ 24% पैसा विकास में लगेगा, बाकी लोन-सैलरी में

वेतन-भत्ते और पेंशन में ही करीब आधा बजट खर्च

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himachal news

शिमला। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए हिमाचल प्रदेश का बजट बुधवार को राज्य विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। 62 हजार 387 करोड़ रुपए के इस बजट में हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए केवल 24% पैसा आवंटित किया गया है। बजट का 45% हिस्सा कर्मचारियों के वेतन-भत्तों और पेंशन पर ही खर्च हो जाएगा। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17 मार्च को 58414 का बजट पेश किया था। बजट पर विधानसभा में चर्चा के बाद 4000 करोड़ रुपए की राशि बढ़ाई गई है।

चार दिन चली बजट पर चर्चा

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 17 मार्च को हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक के रूप में इसे पेश किया था। बजट पर चार दिन चर्चा चली और फिर विपक्ष की ओर से कटौती प्रस्तावों पर बहस हुई।

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बुधवार को सदन की मंजूरी के बाद सरकार को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बजट में आवंटित रकम को खर्च करने की अनुमति मिल गई है।

जीरो टैक्स बजट

राहत की बात यह है कि हिमाचल प्रदेश की परंपरा के अनुसार इस बजट को जीरो टैक्स के रूप में मंजूर किया गया है, जिसमें आम जनता पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया है। बजट में सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने, कृषि और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में नई योजनाओं पर बजट में फोकस किया है।

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सुक्खू सरकार के बजट में राजस्व घाटा 6,390 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, वहीं पूंजीगत घाटा 10,338 करोड़ रुपये होने की संभावना जताई गई है।

24% पैसे से कितना विकास ?

62 हजार 387 करोड़ रुपए के बजट का 24% हिस्सा, यानी 14043 करोड़ रुपए ही विकास कार्यों में खर्च हो सकेगा। इससे पता चलता है कि प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति किस कदर कमजोर है। अगले साल यह और भी खराब हो सकती है, क्योंकि सरकार ने राजस्व घाटा कम करने के लिए बजट में विभिन्न विभागों के आवंटन में 2300 करोड़ से ज्यादा की कटौती की है।

बजट का 22% कर्ज चुकाने में खर्च होगा

बजट का सबसे बड़ा 45% हिस्सा कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन-भत्तों और पेंशन पर खर्च होगा। हिमाचल सरकार अभी तक 29,046 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। इस पर ब्याज चुकाने के लिए सरकार को बजट का 12 प्रतिशत खर्च करना होगा।

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इसके अलावा कर्ज के मूलधन को चुकाने के लिए बजट का 10 फीसदी हिस्सा और खर्च हो जाएगा। यानी विकास के मद में रखे गए बजट के 24 प्रतिशत हिस्से के मुकाबले 22 प्रतिशत तो केवल कर्ज चुकाने में ही खर्च हो जाएगा। बजट में 9 फीसदी रकम स्वायत्त संस्थाओं को अनुदान के रूप में खर्च होगी।

बजट की प्रमुख घोषणाएं

25,000 नौकरियां देने का ऐलान
कर्मचारियों को 3% महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने
आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम 12,750 रुपये वेतन
70 से 75 वर्ष के पेंशनरों को बकाया एरियर जारी होगा न्यूनतम दिहाड़ी अब 425 रुपये
मनरेगा मजदूरी में 20 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।

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