#राजनीति
April 29, 2025
सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट को क्यों बढ़ाना चाहती है सुक्खू सरकार? जानें क्या होगा फायदा
कई अहम मुद्दों पर फैसला कर सकती है सुक्खू कैबिनेट
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार राज्य के 1.82 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। सरकार इन कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र एक साल बढ़ाने जा रही है। आगामी 5 मई को इस पर सहमति के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है।
दोपहर 3 बजे होने वाली इस बैठक का मुख्य एजेंडी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र को 58 से बढ़ाकर 59 साल करने का है। इस बारे में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में बनी सब कमेटी से सिफारिश की थी। इसी कैबिनेट सब कमेटी ने पेंशन सुधार की भी सिफारिश की थी।
कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र एक साल बढ़ाने से सुक्खू सरकार पर पेंशन का सालाना बोझ कम होगा। हिमाचल प्रदेश सरकार पर मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 में पेंशन का बोझ 11,577 करोड़ है। यह रकम प्रदेश के कुल राजस्व व्यय का लगभग 24% है। यह भारत के बाकी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है।
हिमाचल प्रदेश में लगभग 1.89 लाख पेंशनभोगी हैं और यह संख्या 2030-31 तक बढ़कर 2.38 लाख होने की संभावना है। इससे सरकार पर पेंशन का खर्च लगभग 20,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। आपको बता दें कि 2023 में हिमाचल प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना के बजाय पुरानी पेंशन को लागू किया था। इससे थोड़े समय के लिए सरकार पर पेंशन का खर्च तो कम हुआ, लेकिन लंबे समय के लिए सरकारी खजाने पर दबाव बढ़ गया।
सुक्खू सरकार ने राज्य की खराब आर्थिक स्थिति को देखते वित्तीय बोझ कम करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया था। इसके अलावा शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में एक और कैबिनेट सब कमेटी बनी थी। माना जा रहा है कि 5 मई को होने वाली कैबिनेट की बैठक में दोनों सब कमेटी की सिफारिशों पर चर्चा होगी। इसके अलावा बैठक में कर्मचारियों के सामान्य तबादलों पर रोक हटाने और विभागीय भर्ती का ऐलान होने की भी संभावना है।
सुक्खू सरकार ने पिछले दिनों अनुबंध भर्तियों पर रोक लगा दी है। अब इसकी जगह नया मॉडल लागू करने का मसला भी फैसले के इंतजार में है। सूत्रों का कहना है कि सरकार गुजरात मॉडल को अपनाने पर विचार कर सकती है। वैसे भी सरकारी भर्तियों के नए कानून में सरकार ने अनुबंध कर्मियों को नियमितीकरण से पहले सारे वित्तीय लाभ बंद कर गुजरात मॉडल का एक हिस्सा अपना लिया है। अब इसके दूसरे हिस्से को अपनाने का ऐलान हो सकता है। इससे अनुबंध काल में सरकार को कर्मचारियों को डीए, बोनस और अन्य वित्तीय लाभ नहीं देने पड़ते हैं।
5 मई को कैबिनेट की बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट प्रस्तावों को मंजूरी देने के साथ ही कर्मचारियों को 3% महंगाई भत्ता (डीए) और 70-75 वर्ष आयु वर्ग के पेंशनर्स को बकाया एरियर का ऐलान भी किया जा सकता है। कैबिनेट सब कमेटी ने सरकार को पेंशन कम्युटेशन पर रोक लगाने की भी सिफारिश की है, जिससे कर्मचारियों को एकमुश्त अग्रिम भुगतान देने की बाध्यता नहीं रहेगी और सरकार की नकद देनदारी घटेगी। इसी को देखते हुए सरकार पूरी पेंशन लेने के लिए नौकरी की अवधि को 20 से बढ़ाकर 25 साल कर सकती है।