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August 7, 2025
कांग्रेस में छिड़ा सियासी घमासान: प्रतिभा सिंह बोली- वीरभद्र लीगेसी की अनदेखी पड़ सकती है भारी
राहुल गांधी से प्रतिभा सिंह का आग्रह, वीरभद्र सिंह की विरासत से न हो समझौता
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शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी सियासी घमासान अब खुलकर सतह पर आ चुका है। प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को लेकर जारी खींचतान के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। गुरुवार को शिमला में प्रतिभा सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह की विरासत की अनदेखी की गई, तो इसका खामियाजा पार्टी संगठन को भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि हाल ही में राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ हुई बैठक में उन्होंने इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया है।
प्रतिभा सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हिमाचल में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद पर सुक्खू खेमे के किसी नेता को नियुक्त किए जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। पार्टी के भीतर दो धड़ों के बीच बढ़ती खींचतान को लेकर कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में प्रतिभा सिंह का यह बयान न सिर्फ राजनीतिक संदेश देता है, बल्कि वीरभद्र सिंह की राजनीतिक विरासत को लेकर भी कांग्रेस नेतृत्व को सोचने पर मजबूर करता है।
प्रतिभा सिंह ने कहा कि मैंने राहुल गांधी से स्पष्ट कहा कि-आपने ही वीरभद्र सिंह की विरासत को देखते हुए मुझे प्रदेश अध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। जब प्रदेश में नगर निगम और विधानसभा चुनाव नजदीक थे, तब आपके कहने पर ही मैंने पार्टी को एकजुट करने का प्रयास किया। उस समय के प्रभारी राजीव शुक्ला के कहने पर मैंने पांगी-भरमौर जैसे दूरदराज़ क्षेत्रों में भी प्रचार किया, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए।
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प्रतिभा सिंह ने संगठन के गठन में हो रही देरी पर भी गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव सिर पर हैं, लेकिन हम अब तक संगठनात्मक ढांचे को अंतिम रूप नहीं दे पाए हैं। बिना संगठन के पार्टी की कोई भी गतिविधि चाहे वह प्रदर्शन हो या जनसभा ठीक से नहीं हो पा रही। कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, और हमें किसी को कुछ कहने का भी हक नहीं रह गया है।
प्रदेश सरकार में पार्टी कार्यकर्ताओं की नियुक्तियों को लेकर भी प्रतिभा सिंह ने नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि वह कई बार मुख्यमंत्री और पार्टी प्रभारी के समक्ष यह मुद्दा उठा चुकी हैं, लेकिन अभी तक पार्टी वर्करों की एडजस्टमेंट नहीं हो पाई है। मैं लगातार संगठन के लोगों को समायोजित करने की मांग करती रही हूं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
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प्रतिभा सिंह ने यह भी साफ किया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति होना चाहिए, जिसका खुद का जनाधार हो और जो केवल रबड़ स्टैंप बनकर न रह जाए। उन्होंने कहा कि मैंने राहुल गांधी और खड़गे जी से आग्रह किया है कि प्रदेश अध्यक्ष ऐसा होना चाहिए जिसकी अपनी पहचान हो, जनता में पकड़ हो, और जो संगठन को मजबूत कर सके।
प्रतिभा सिंह के मुताबिक राहुल गांधी ने उनकी बातें गंभीरता से सुनी और माना कि वर्तमान स्थिति पार्टी के लिए अच्छी नहीं है। राहुल गांधी ने भरोसा दिया कि इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा और संगठन को लेकर स्पष्टता लाई जाएगी।