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April 23, 2025

पंचायतों ने CM सुक्खू से वापस मांगा रेत-बजरी के टेंडर का हक, पंचायत चुनाव से पहले दिखे बागी तेवर

अभी BDO के पास है इसका अधिकार

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव से 6 महीने पहले ही जन प्रतिनिधियों के तेवर बागी नजर आने लगे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों का सबसे ज्यादा गुस्सा रेत-बजरी के टेंडर का हक छीने जाने को लेकर है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से बुधवार को मुलाकात कर पंचायत प्रतिनिधियों ने यह अधिकार BDO से वापस लेकर उन्हें सौंपने की मांग की है। हालांकि, सीएम सुक्खू ने इस साल के बजट में पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया है, लेकिन उनकी ताजा मांग ने सरकार को परेशानी में डाल दिया है।

करप्शन रोकने उठाया कदम

दरअसल, पंचायत स्तर पर होने वाले विकास कार्यों में भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची रोकने और परदर्शिता बढ़ाने के लिए पंचायती राज विभाग ने रेत-बजरी के टेंडर बुलवाने का काम BDO की अध्यक्षता में एक कमेटी को सौंपा है।

 

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आपको बता दें कि इसी साल जनवरी में सिरमौर जिले की दो पंचायतों ने एक ही एम फॉर्म से 50 लाख रुपए की रेत-बजरी की सप्लाई का घोटाला किया था। इस घोटाले में मारुति कार और स्कूटर-बाइक तक में रेत-बजरी ढोने के बिल दिखाए गए थे।

सीएम ने विचार करने का दिया भरोसा

अब पंचायत प्रतिनिधियों ने BDO को दिए गए टेंडर जारी करने के अधिकार को तुरंत वापस लेकर पंचायतों को सौंपने की मांग की है। हिमाचल प्रदेश पंचायत राज महासंघ का कहना है कि अभी तक पंचायतें ही सबसे कम कोटेशन पर रजिस्टर्ड सप्लायरों से रेत-बजरी की सप्लाई का ऑर्डर जारी करती थीं।

 

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इसमें ग्राम प्रधान की कोई मर्जी नहीं चलती थी। लेकिन सरकार ने हाल में पंचायतों के इस अधिकार को वापस लेकर BDO की अध्यक्षता वाली कमेटी को सौंप दिया है। सीएम सुक्खू ने पंचायत प्रतिनिधियों की इस मांग पर सहानुभूति से विचार करने का भरोसा दिलाया है।

BDO देते हैं सामग्री सप्लाई का ऑर्डर

हिमाचल प्रदेश में कुल 3,615 पंचायतें हैं। पंचायती स्तर पर विकास कार्यों के लिए मनरेगा, 15वें वित्त आयोग, विधायक निधि, सांसद निधि, बैकवर्ड सब प्लान समेत अन्य योजना के तहत काम करवाया जाता है।

 

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पंचायतों में भूमि सुधार, डंगा निर्माण, फुटपाथ निर्माण, गोशाला निर्माण, पेवर वर्क, सड़क निर्माण, क्रेट वर्क समेत अन्य काम होते हैं। अब BDO इन कार्यों के लिए रेत-बजरी के टेंडर बुलाने से पहले ब्लॉक स्तर पर बनी संयुक्त कमेटी से राय लेंगे। कमेटी में सुपरिंटेंडेंट, अकाउटेंट, कनिष्ठ अभियंता, पंचायतों के 2 प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं।

ये मुद्दे भी उठे

सीएम के साथ मीटिंग में मनरेगा के 20 कार्यों की कंडीशन का मुद्दा भी उठा। इसी के साथ पंचायतों के एम फॉर्म, पेंशन और पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग पर भी चर्चा हुई।

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