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March 1, 2025
हिमाचल में ट्रांसफर के लिए तैयार रहें अधिकारी- CM ने जारी किए हैं आदेश
हिमाचल में अधिकारियों के तबादले की प्रक्रिया शुरू, सरकार ने दिए निर्देश
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत अधिकारियों के लिए तबादलों की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विभिन्न विभागों को इस दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सरकार का उद्देश्य प्रशासन को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है।
प्रदेश सरकार ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग सहित कुछ अन्य महत्वपूर्ण विभागों में दो साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारियों के स्थानांतरण की प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली थी। अब अन्य विभागों में भी इस नीति को लागू करने की तैयारी है।
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सरकार का मानना है कि एक ही स्थान पर लंबे समय तक रहने वाले अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था में निष्पक्षता बनाए रखने में बाधक हो सकते हैं, इसलिए अब उनके स्थानांतरण की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उद्योग विभाग को खनन पट्टों की नीलामी प्रक्रिया में हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम (HPFDC) को शामिल करने के निर्देश दिए हैं। सरकार का उद्देश्य इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना और खनन से मिलने वाले राजस्व को बढ़ाना है।
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साथ ही, मुख्यमंत्री ने जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट निधियों के उपयोग के लिए नए नियम बनाने की बात कही, ताकि समाज के वंचित वर्गों के कल्याण में इन निधियों का बेहतर उपयोग किया जा सके।
पिछली भाजपा सरकार के दौरान प्रदेश सरकार को दो वर्षों में खनन से 240 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। वहीं, कांग्रेस सरकार आने के बाद पिछले वित्तीय वर्ष में यह बढ़कर 314 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक यह राशि 360 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। इस प्रकार, कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में खनन से मिलने वाले राजस्व में 120 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल में हरित उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। इसके अलावा, पर्यटन, जल विद्युत, खाद्य प्रसंस्करण, डेटा भंडारण और डेयरी उद्योगों में निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
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हिमाचल प्रदेश में उद्योगों को पड़ोसी राज्यों की तुलना में सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार का मानना है कि यह नीति नए निवेशकों को आकर्षित करने में मदद करेगी। राज्य सरकार का लक्ष्य हिमाचल को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करना है, जहां निवेशक आसानी से व्यवसाय स्थापित कर सकें। सरकार के इन फैसलों से प्रदेश में प्रशासनिक सुधारों को बल मिलेगा, वहीं आर्थिक विकास की संभावनाएं भी मजबूत होंगी।