#राजनीति
February 11, 2025
दिल्ली में तीसरी बार हार कांग्रेस के लिए "खतरे की घंटी", आखिर ऐसा क्यों बोले विक्रमादित्य सिंह
15 साल दिल्ली पर राज करने वाली कांग्रेस को तीसरी बार नहीं मिली एक भी सीट
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शिमला। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जहां 27 साल वापसी करते हुए एक तरफा जीत दर्ज की। वहीं किसी समय 15 साल तक राज करने वाली कांग्रेस सरकार ने तीसरी बार शून्य की हैट्रिक लगा दी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के अलावा भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे थे। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 और आम आदमी पार्टी ने 22 सीटें जीतीं हैं, जबकि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई। दिल्ली में कांग्रेस की हार पर हिमाचल के कांग्रेस नेता भी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
दिल्ली में चुनाव हारने पर हिमाचल के लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। दिल्ली में कांग्रेस ने लगातार 15 साल तक राज किया। लेकिन आज ऐसी स्थिति आ गई है कि पिछले तीन बार से कांग्रेस दिल्ली में अपना खाता भी नहीं खोल पा रही है। जिस पर सोचने की जरूरत है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच था। यह सभी जानते हैं। लेकिन कांग्रेस को एक भी सीट ना मिलने की उम्मीद नहीं थी। तीसरी बार खाता ना खोल पाना जहां चिंताजनक है, वहीं यह कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी भी है। कांग्रेस को आज से ही इस पर सोचने की जरूरत है। ताकि आगे चलकर हम बेहतर रिजल्ट ला सकें।
दिल्ली में कांग्रेस की हार पर पार्टी हाईकमान को संज्ञान लेना चाहिए और हमे अभी से मिलकर पार्टी को मजबूत करने के लिए काम शुरू कर देना चाहिए। ताकि आगामी चुनावों में हम पार्टी के हक में रिजल्ट ला सकें।
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इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर भी कई आरोप जड़े। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार जिस भी राज्य में कांग्रेस की सरकार होती है, वहां के विकास कार्यों को रोकने का प्रयास करती है। विपक्षी राज्यों वाली सरकारों के फंड रोक दिए जाते हैं, ग्रांट रोक दी जाती है। ताकि उन राज्यों का विकास रूक जाए और फिर उसका लाभ उठाती है।
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बता दें कि कभी दिल्ली पर 15 साल तक राज करने वाली कांग्रेस आज दिल्ली में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव में तीसरी बार अपना खाता भी नहीं खोल पाई है।