#राजनीति
July 7, 2025
CM सुक्खू ने बुलाई आपदा प्रबंधन की मीटिंग : स्पेशल पैकेज रहेगा अहम मुद्दा, राहत राशि पर होगा फैसला
राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के दिए जाएंगे निर्देश
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस बार मानूसन ने शुरुआती दौर में ही बहुत तबाही मचाई है। प्रदेशभर में भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं के कारण अब तक 75 लोगों की जान जा चुकी है, और कई दर्जन लोग घायल या लापता हैं। लगातार मिल रही आपदा की रिपोर्टों और मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में हुए भारी नुकसान के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज सचिवालय में आपदा प्रबंधन की बैठक बुलाई है।
इस बैठक में सभी विभागीय सचिवों और आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक का उद्देश्य अब तक हुए नुकसान का विस्तृत मूल्यांकन, राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा और बेघर हुए प्रभावितों के पुनर्वास की ठोस योजना बनाना है।
मंडी जिले के सराज क्षेत्र के उन परिवारों को फिर से बसाने की योजना बनाना, जिनके मकान पूरी तरह ढह गए हैं। प्रति माह ₹5000 किराया सहायता देने की योजना पहले ही लागू की जा चुकी है, लेकिन अब सरकार स्थायी मकान निर्माण के लिए आर्थिक सहायता देने पर विचार कर रही है।
जिनके मकानों को आंशिक नुकसान हुआ है, या जिनकी गौशालाएं, पशुधन, खेती-बाड़ी, जमीन आदि प्रभावित हुई है, उनके लिए विशेष राहत पैकेज तय करने की दिशा में चर्चा होगी।
प्रभावितों का पूरा आंकड़ा एकत्र करने और उसे डिजिटली रिकॉर्ड करने के निर्देश दिए जाएंगे।
हालांकि, राहत राशि और स्पेशल पैकेज का अंतिम निर्णय राज्य कैबिनेट की आगामी बैठक में होगा, लेकिन आज की बैठक में सभी विभागों को नुकसान का डाटा, जरूरतें और संभावित मदद के प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए जाएंगे। बैठक के बाद मुख्यमंत्री द्वारा प्रेस को संक्षिप्त जानकारी दिए जाने की भी संभावना है।
हिमाचल में 20 जून से सक्रिय मानसून के चलते स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। अब तक 75 लोगों की मौत फ्लैश फ्लड, लैंडस्लाइड, बादल फटने और सड़क हादसों में हो चुकी है।सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र मंडी, कुल्लू, चंबा और कांगड़ा बताए जा रहे हैं।
मंडी के सराज क्षेत्र में 14 लोगों की मौत और 28 से अधिक लोग लापता हैं। सैकड़ों घर, सड़कों के नेटवर्क, पुल, ट्रांसफार्मर और पेयजल योजनाएं प्रभावित हो चुकी हैं। सराज क्षेत्र में आई भीषण तबाही के चलते मुख्यमंत्री की ओर से इस क्षेत्र के लिए अलग से राहत योजना बनाने की संभावना जताई जा रही है। यहां स्थानीय प्रशासन और सेना की मदद से राहत कार्य जारी हैं।