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July 5, 2025

कांग्रेस पर भड़के जेपी नड्डा, बोलेे-सुख की सरकार में "रक्षक बन गए भक्षक"; जनता किससे करे उम्मीद

एनएचएआई अधिकारी से बदसलूकी पर मंत्री अनिरुद्ध पर भड़के नड्डा

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JP Nadda

बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी से मारपीट का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में भाजपा अब पूरी तरह आक्रामक हो गई है। विपक्ष इस मामले को उछाल कर सुक्खू सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है। आज शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने इस घटना को न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करने वाला बताया, बल्कि इसे देवभूमि की सांस्कृतिक मर्यादाओं पर सीधा हमला कहा।

सुक्खू सरकार में रक्षक ही बन गए भक्षक

नड्डा ने शनिवार को बिलासपुर में बातचीत करते प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनके कैबिनेट मंत्री पर जोरदार हमला बोला और कहा कि जिस सरकार में रक्षक ही भक्षक बन जाए, उससे क्या आशा की जाए। जिन हाथों को कानून की रक्षा करने के लिए उठना चाहिए, वही हाथ कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं, यह चिंता का विषय है। नड्डा का कहना है कि यदि प्रदेश के मंत्री ही कानून को हाथ में लेंगे, तो आम आदमी की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी? उन्होंने कहा कि यह घटना इस बात का उदाहरण है कि हिमाचल सरकार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। यहां का प्रशासनिक माहौल किस तरह का बना गया है।

 

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कांग्रेस सरकार पर सीधा निशाना

जेपी नड्डा ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए बजट को भी समय पर खर्च नहीं कर पा रही है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत 2020 से 2025 के लिए आवंटित बजट का केवल 21 फीसदी ही खर्च हो पाया है। वहीं, 15वें वित्त आयोग द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए दिए गए बजट का भी केवल 24 फीसदी उपयोग हुआ है।

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उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार बजट को खर्च ही नहीं कर पा रही, तो यह कहना गलत है कि केंद्र से पैसा नहीं आ रहा। सच्चाई यह है कि कांग्रेस सरकार काम करने की इच्छाशक्ति खो चुकी है। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। अगर सुक्खू सरकार केंद्र के पूरे पैसे को समय पर खर्च करे तो इसका लाभ आम जनता को होगा। 

परियोजनाओं की धीमी गति पर जताई चिंता

इससे पहले नड्डा ने बिलासपुर में चल रही केंद्रीय परियोजनाओं की समीक्षा बैठक भी ली। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खू को दो अहम मुद्दों पर चिट्ठी लिखने की बात कही।

  • नड्डा ने कहा कि  पहली चिट्ठी में एनएचएआई प्रोजेक्ट को उद्योग की तरह न देखने की बात रखी जाएगी। नड्डा ने कहा कि नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट को हर साल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मंजूरी लेनी पड़ती है, जिससे कार्यों में देरी हो रही है।
  • वहीं दूसरी चिट्ठी में ब्यास नदी के आसपास ड्रेजिंग पर ठोस नीति बनाने की मांग की जाएगी। ब्यास नदी से सटे इलाकों में हाईवे प्रोजेक्ट्स को खतरा है। इस पर तत्काल निर्णय लेने की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार से चर्चा कर चुके हैं।

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बॉर्डर रोड प्रोजेक्ट पर भी कसा तंज

जेपी नड्डा ने समदो-काजा सड़क परियोजना को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह सड़क भारत.तिब्बत बॉर्डर को जोड़ती हैए लेकिन अब तक राज्य सरकार के फॉरेस्ट विभाग ने क्लीयरेंस नहीं दी है, जबकि केंद्र से अनुमति 2024 में ही मिल चुकी है।

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