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October 30, 2025

क्या सांसद बनी रहेंगी कंगना रनौत? चुनाव रद्द करने की मांग पर आज HC में सुनवाई

इशू फ्रेम करेगा हाईकोर्ट- किन्नौर के व्यक्ति ने दी चुनौती

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KANGANA RANAUT

मंडी। हिमाचल प्रदेश की चर्चित मंडी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कंगना रनौत के चुनाव को लेकर दायर याचिका पर आज हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अहम सुनवाई होनी है। कोर्ट आज मामले से जुड़े इशू फ्रेम (मुद्दे तय) करेगी, जिन पर आगे दोनों पक्षों याचिकाकर्ता और प्रतिवादी को अपनी-अपनी दलीलें रखने का अवसर दिया जाएगा।

क्या सांसद बनी रहेंगी कंगना रनौत?

यह मामला किन्नौर निवासी लायक राम नेगी द्वारा दायर किया गया है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि उनका नामांकन पत्र रिटर्निंग ऑफिसर (RO) द्वारा गलत तरीके से अस्वीकार किया गया था। लायक राम का कहना है कि इस अस्वीकृति ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित किया और इसलिए उन्होंने मंडी लोकसभा चुनाव को रद्द करने व पुनः चुनाव कराने की मांग की है।

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क्या है पूरा मामला?

लायक राम नेगी, जो वन विभाग से असामयिक सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं, ने बताया कि उन्होंने 14 मई 2024 को मंडी संसदीय सीट से स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र भरा था।
उन्होंने उस समय वन विभाग से प्राप्त नो-ड्यूज सर्टिफिकेट नामांकन पत्र के साथ संलग्न कर दिया था।

 

रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से उन्हें यह कहा गया कि उन्हें सरकारी आवास से जुड़े बिजली, पानी और टेलीफोन विभागों के नो-ड्यूज प्रमाणपत्र भी जमा करने होंगे। अधिकारी ने इन दस्तावेजों को जमा करने के लिए उन्हें अगले दिन तक का समय दिया। इसके बाद 15 मई को नामांकन पत्रों की जांच की जानी थी।

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नामांकन रद्द होने का विवाद

लायक राम का कहना है कि उन्होंने 15 मई की सुबह सभी जरूरी विभागों से प्राप्त नो-ड्यूज प्रमाणपत्र रिटर्निंग ऑफिसर को सौंप दिए थे, लेकिन अधिकारी ने उन्हें स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

नामांकन नहीं किया स्वीकार

अधिकारियों ने तर्क दिया कि नामांकन पत्र के साथ समय पर सभी दस्तावेज नहीं लगाए गए थे, और यह गंभीर त्रुटि अब सुधार योग्य नहीं है। इसके बाद उनका नामांकन अस्वीकार कर दिया गया, जिससे वे चुनावी दौड़ से बाहर हो गए।

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याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह भी उल्लेख किया है कि रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा ऐसा करना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की भावना के विपरीत है, क्योंकि उन्होंने दस्तावेज जमा करने की अनुमति दी थी और समयसीमा के भीतर प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर दिए गए थे।

कंगना रनौत और अन्य प्रतिवादी

इस याचिका में मंडी की सांसद कंगना रनोट, रिटर्निंग ऑफिसर (DC मंडी) और निर्वाचन आयोग को भी प्रतिवादी बनाया गया है। लायक राम का कहना है कि अगर उनका नामांकन अवैध रूप से रद्द न किया जाता तो चुनाव परिणाम भिन्न हो सकते थे। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि मंडी सीट का चुनाव अमान्य घोषित कर पुनः मतदान करवाया जाए।

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चुनाव का परिणाम

गौरतलब है कि मई 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मंडी सीट से अभिनेत्री और अब सांसद कंगना रनोट को प्रत्याशी बनाया था, जबकि कांग्रेस की ओर से विक्रमादित्य सिंह मैदान में थे। इस चुनाव में कंगना रनोट ने 74,755 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।

सुनवाई पर टिकीं सबकी नजरें

हाईकोर्ट में आज यह तय होगा कि मामले में कौन-कौन से कानूनी बिंदु (इशूज) विचारणीय होंगे। इसके बाद दोनों पक्षों को अपने पक्ष में सबूत, दस्तावेज और तर्क प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा। विदित रहे कि अगर अदालत ने याचिकाकर्ता की दलीलों को उचित ठहराया, तो यह हिमाचल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण नजीर बन सकता है।

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