#राजनीति
December 2, 2025
‘राधे-राधे’ पर बड़ा बवाल- कथावाचन देवकीनंदन ने CM को बताया सनातन विरोधी, BJP भड़की
वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी ने ताबड़तोड़ हमले शुरू किए
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश में इस समय शीतकाली सत्र चल रहा है। तपोवन में बढ़ी तपिश के साथ-साथ देश भर में CM के दिए बयानों की चर्चा हो रही है। अभी हाल ही में धर्मशाला में स्कूली बच्चों से हुई CM सुखविंदर सिंह सुक्खू की एक सामान्य बातचीत बड़ा राजनीतिक तूफ़ान बन गई है। बीते शुक्रवार का वह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, जिसमें सीएम से पांव छूने के बाद बच्चों ने राधे-राधे”कहा। इस पर CM ने पूछा - “राधे-राधे क्यों बोलते हो?” यह सवाल इतना बढ़ा कि सोशल मीडिया से लेकर राजनीति तक, हर जगह इस पर सियासी तीर चलने लगे।
वीडियो वायरल होते ही BJP ने CM को सनातन विरोधी मानसिकता वाला बताते हुए तीखा हमला बोला। पार्टी प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल जैसे हिंदू बहुल प्रदेश में CM का बच्चों के राधे-राधे कहने पर सवाल उठाना उनकी नीयत को उजागर करता है।
इसी बीच कथावाचक देवकीनंदन महाराज ने भी CM पर निशाना साधते हुए कहा कि देवभूमि में बच्चों को राधे-राधे बोलने से कोई कैसे रोक सकता है? उनका यह बयान भी सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया।
वीडियो वायरल होते ही सीएम को सोशल मीडिया में लगातार ट्रोल किया जाने लगा। कई यूजर्स ने इसे आस्था से जोड़कर सीएम की निंदा की, जबकि कुछ ने इसे अनावश्यक विवाद बताया। लेकिन बीजेपी के हमलों और देवकीनंदन के बयान से यह मामला और बड़ा हो गया।
सोमवार को धर्मशाला में आयोजित वॉकथॉन के मंच पर सीएम सुक्खू ने माहौल बदलने की कोशिश की। उन्होंने माइक उठाते ही “राधे-राधे… राम-राम” के जयकारे लगाकर साफ संदेश दिया कि वे सनातन के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैंने बच्चों से बस अर्थ पूछा था, न कि राधे-राधे बोलने से रोका। CM ने BJP पर आरोप लगाते हुए कहा कि वीडियो को आधा काटकर वायरल किया गया ताकि अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा सके।
कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कई कांग्रेसी नेताओं ने सोशल मीडिया पर सफाई दी कि सीएम ने बच्चों को राधे-राधे से मना नहीं किया था। महिला आयोग की अध्यक्ष विद्या नेगी ने देवकीनंदन महाराज को मामले को राजनीतिक न बनाने की सलाह दी।
शीतकालीन सत्र और आने वाले चुनावों के बीच इस विवाद ने माहौल गरमा दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बच्चों से जुड़ा यह छोटा-सा संवाद अब बड़े राजनीतिक मुद्दे का रूप ले चुका है। सीएम के मंच से लगाए गए “राधे-राधे, राम-राम” जयकारों के बावजूद विवाद थमता दिखाई नहीं दे रहा।