#विविध
June 24, 2025
हिमाचल : नदी किनारे जाने से नहीं कतरा रहे पर्यटक, सेल्फी के चक्कर में अब तक 10 ने गंवाया जीवन
चेतावनी संकेत को इग्नोर कर रहे लोग
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कुल्लू। हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी जहां एक ओर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और बर्फीली वादियों के लिए जानी जाती है। वहीं, दूसरी ओर यहां की तेज बहाव वाली नदियां अकसर पर्यटकों के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं।
ताजा हालात ये हैं कि कुल्लू-मनाली आने वाले पर्यटक अपनी जान को जोखिम में डालकर ब्यास नदी में फोटोग्राफी और सेल्फी के लिए उतर रहे हैं। प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी देने और साइन बोर्ड लगाने के बावजूद पर्यटकों की लापरवाही कम नहीं हो रही है।
ब्यास और पार्वती जैसी खतरनाक नदियों के किनारे कई जगह प्रशासन ने चेतावनी बोर्ड लगाए हैं। कुछ स्थानों पर तो लोहे की रस्सियां और अस्थायी बैरिकेड्स भी लगाए गए हैं, ताकि लोग पानी के ज्यादा पास न जाएं। लेकिन पर्यटक न तो इन चेतावनी संकेतों को गंभीरता से ले रहे हैं और न ही अपने जीवन की परवाह कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इन नदियों में फोटो खिंचवाने और वीडियो बनाने का शौक कई लोगों की जान ले चुका है। उनका कहना है कि प्रशासन को अब केवल चेतावनी बोर्ड लगाने से आगे बढ़कर कड़े कदम उठाने चाहिए—जैसे कि खतरे वाले रास्तों पर स्थायी रूप से बैरिकेड्स लगाना और गश्त बढ़ाना।
पिछले कुछ वर्षों में कुल्लू जिले में 10 से अधिक पर्यटक ब्यास, पार्वती और अन्य नदी-नालों में डूबकर अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें अधिकांश वो लोग थे जो फोटो खिंचवाते वक्त पत्थरों से फिसल गए या पानी के तेज बहाव को कमजोर समझ बैठे।
बात सिर्फ वर्तमान की नहीं है। तकरीबन एक दशक पहले थलौट में हुए भयावह हादसे में हैदराबाद के 24 छात्र ब्यास की धार में बह गए थे। वह घटना आज भी कुल्लू के हर नागरिक के जहन में ताजा है। इसके बाद भी पर्यटक कोई सबक नहीं ले रहे।
मनाली में बीते साल भी एक महिला पर्यटक ने नदी किनारे फोटो खिंचवाने के चक्कर में जान गंवा दी थी। यह ट्रेंड लगातार बढ़ रहा है—जहां लोग अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की चाह में सुरक्षा को ताक पर रख दे रहे हैं। नदी किनारे खड़े होकर वीडियो बनाने, पत्थरों पर चढ़कर सेल्फी लेने और बहाव वाले हिस्से में पैरों को डुबोकर मस्ती करने जैसी हरकतें मौत को दावत देने जैसी हैं।
बरसात का मौसम शुरू होते ही पहाड़ी क्षेत्रों में जलस्तर तेजी से बढ़ता है। ब्यास और पार्वती जैसी नदियां अचानक उफान पर आ सकती हैं। ऐसे में वहां मौजूद लोग कुछ ही पलों में पानी की चपेट में आ सकते हैं। बावजूद इसके, पर्यटक इन खतरों को हल्के में ले रहे हैं।
DC कुल्लू ने बताया कि प्रशासन लगातार चेतावनियां दे रहा है और संवेदनशील इलाकों में सूचना पट्ट और साइन बोर्ड लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा होम गार्ड व पुलिस की मदद से निगरानी भी बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों से अपील की जाती है कि वे खुद भी सतर्क रहें और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हुए सुरक्षा का ध्यान रखें। प्रशासन केवल नियम बना सकता है, लेकिन ज़िम्मेदारी हर व्यक्ति की है कि वह इन्हें माने।