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March 4, 2025

हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष पद- 1 अनार, 100 बीमार- रजनी पाटिल ने हाईकमान को सौंपी रिपोर्ट: असमंजस बरकरार

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन की रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर पार्टी की नवनियुक्त प्रभारी रजनी पाटिल ने प्रदेश के नेताओं से मिले फीडबैक की रिपोर्ट दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री, प्रदेशाध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के विचारों को संकलित किया गया है।

कार्यकर्ताओं की अनदेखी का मुद्दा उठा

रजनी पाटिल ने शिमला में दो दिनों तक बैठकें आयोजित कर कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन पर चर्चा की। इस दौरान कई नेताओं ने पार्टी और सरकार के बीच तालमेल की कमी और कार्यकर्ताओं की अनदेखी जैसे मुद्दों को उठाया।

 

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बैठक में यह बात भी सामने आई कि संगठन को प्रभावी बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव जरूरी हैं। इसके अलावा, रजनी पाटिल ने व्यक्तिगत रूप से भी कई नेताओं से मुलाकात कर उनके विचार जाने। इन बैठकों में पार्टी के भीतर गुटबाजी और कार्यकारिणी में उचित संतुलन बनाए रखने पर भी चर्चा हुई।

एक व्यक्ति, एक पद' का सिद्धांत लागू करने की मांग

रिपोर्ट में एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत को सख्ती से लागू करने की मांग उठी है। इस सिद्धांत को अपनाने से सरकार में विभिन्न पदों पर आसीन नेताओं को संगठन में प्रमुख जिम्मेदारियों से हटाया जा सकता है। इससे संगठन में नए और सक्रिय नेताओं को अवसर मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

 

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रिपोर्ट के अनुसार, अगले 15 दिनों में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का गठन होने की संभावना जताई गई है। हालांकि, अंतिम निर्णय कांग्रेस हाईकमान को लेना है। हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी राज्य में कार्यकारिणी में स्थान पाने के लिए नेताओं की लंबी कतार है, जिससे पार्टी के लिए संतुलित नेतृत्व चुनना एक चुनौती बन गया है।

'मिशन 2027' पर फोकस

हिमाचल में कांग्रेस दो गुटों में बंटी हुई नजर आ रही है, जिससे संगठन को सुचारू रूप से चलाने की चुनौती हाईकमान के सामने है। पार्टी मिशन 2027 के तहत अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। ऐसे में कार्यकारिणी का गठन ऐसा होना चाहिए, जिससे सभी गुटों को समान महत्व मिले और पार्टी में अंदरूनी असंतोष न पनपे। इसके अलावा, 2022 के विधानसभा चुनाव में हार चुके कई वरिष्ठ नेता भी कार्यकारिणी में स्थान पाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, कुछ नेता सरकार में भी नियुक्ति चाहते हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है।

विक्रमादित्य सिंह की पैरवी

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस कार्यकारिणी में युवा नेताओं को भी अवसर देने की पैरवी की है। उनका मानना है कि पार्टी को भविष्य में मजबूत करने के लिए युवाओं को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर की सलाह

हिमाचल कांग्रेस की नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि यह कार्यकारिणी छोटी, संतुलित और सक्रिय होनी चाहिए, तभी पार्टी आगे बढ़ सकेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली कार्यकारिणी में 400 लोग शामिल किए गए थे लेकिन उनमें से कई नेता पार्टी के लिए सक्रिय रूप से कार्य नहीं कर रहे थे।

 

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इसलिए इस बार केवल कर्मठ और समर्पित नेताओं को कार्यकारिणी में जगह मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाना जरूरी है, ताकि सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को सही तरीके से जनता तक पहुंचाया जा सके। अगर कार्यकर्ताओं की आवाज को अनसुना किया गया, तो यह पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

हाईकमान के लिए चुनौती

बहरहाल, कांग्रेस हाईकमान के लिए हिमाचल प्रदेश में नई कार्यकारिणी का गठन एक कठिन निर्णय साबित होने वाला है। एक ओर गुटबाजी को संतुलित करना, दूसरी ओर "एक व्यक्ति, एक पद" के सिद्धांत को लागू करना और युवा नेताओं को अवसर देना, ये सभी पहलू पार्टी के लिए अहम होंगे। अब देखना होगा कि हाईकमान किस रणनीति के तहत कार्यकारिणी का गठन करता है और पार्टी को "मिशन 2027" के लिए किस तरह तैयार करता है।

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