#राजनीति
May 17, 2025
हिमाचल कांग्रेस के दो "कुल-दीप"... एक प्रदेश अध्यक्ष तो दूसरा मंत्री बनने से कर रहा इंकार; जानें क्यों
कुलदीप राठौर ने प्रदेश अध्यक्ष, पठानिया ने मंत्री बनने से किया इंकार
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शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में कुछ ही समय में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। हिमाचल कांग्रेस को जहां जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने वाला है। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कैबिनेट का भी विस्तार जल्द ही होगा। जिसमें खाली चल रहे एक मंत्री पद पर किसी की ताजपोशी होगी।
इन दोनों ही पदों पर अब अंतिम निर्णय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी लेंगे। जिसके लिए वह जल्द ही हिमाचल कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाएंगे। इसके साथ ही कांग्रेस में संगठन का भी गठन होगा। ऐसे में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद और एक मंत्री पद के लिए कई नेताओं के नामों की चर्चा चल रही है।
सुक्खू कैबिनेट में मंत्री पद की रेस में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के नाम की चर्चा जोरों पर चल रही है। राजनीति में अच्छी पकड़ रखने वाले कुछ लोगों की मानें तो सुक्खू सरकार में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को मंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन इन चर्चाओं के बीच अब खुद कुलदीप सिंह पठानिया ने बड़ा बयान दे दिया है।
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विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा है कि वह अपनी मौजूदा जिम्मेदारी से खुश हूं और मुझे मंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है। कुलदीप सिंह पठानिया का यह बयान उस समय आया है, जब मंत्री पद पर उनका नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने यह बयान आज शनिवार को विधानसभा परिसर में आयोजित रक्तदान शिविर के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में दिया।
कुलदीप पठानिया ने मंत्री पद पर किए सवाल पर कहा कि सुक्खू सरकार ने अपने कार्यकाल का आधा समय यानी अढ़ाई साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। मुझे जो जिम्मेदारी दी गई, उसका निर्वहन मैंने पूरी इमानदारी से किया है। मैं यहां पर बहुत प्रसन्न हूं और ये बहुत बड़ा फोरम है। मेरी मंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है। मैं अपनी वर्तमान जिम्मेदारी से संतुष्ट हूं।
बता दें कि इससे पहले विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने भी इसी तरह का बयान दिया था। हिमाचल में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद की रेस में कुलदीप राठौर का नाम सबसे ऊपर चल रहा था। लेकिन कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश अध्यक्ष बनने से साफ इंकार कर दिया था। राठौर ने कहा था कि उनका प्रदेश अध्यक्ष बनने का कोई इरादा नहीं है। वह पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और संगठन को ऊंचाई तक लेकर गए हैं। हिमाचल में सरकार बनी है, उसमें मेरे प्रदेश अध्यक्ष के दौर का भी बड़ा योगदान रहा है।
कुलदीप राठौर ने भी यही कहा था कि कांग्रेस ने जो मुझे राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारी सौंपी है, मैं उससे खुश हूं। मैं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने की दौड़ में कहीं भी शामिल नहीं हूं और ना ही इस मामले में किसी से बात की है। प्रदेश अध्यक्ष बनने का उनका कोई भी इरादा नहीं है। अब सवाल यह है कि जब दोनों ही नेताओं के नाम जब इतने बड़े बड़े पदों के लिए नामित किए जा रहे हैं, तो दोनों ही नेता इससे इंकार क्यों कर रहे हैं।