#अपराध

May 17, 2025

हिमाचल कॉपरेटिव बैंक का सर्वर हैक, 2 दिनों में गायब हुए 11 करोड़- चिंता में खाताधारक

करीब 20 अलग-अलग खातों में संदिग्ध तरीके से धनराशि ट्रांसफर की गई है

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HP State Cooperative Bank

शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में HP स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के सर्वर पर साइबर हमले का मामला सामने आया है, जिससे बैंकिंग क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। इस हाई-प्रोफाइल हैकिंग में अज्ञात साइबर अपराधियों ने बैंक के सर्वर को निशाना बनाकर करीब 20 अलग-अलग खातों में संदिग्ध तरीके से धनराशि ट्रांसफर की है।

बैंक से 11.55 करोड़ गायब

साइबर अपराधियों ने HP स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के सर्वर को हैक कर महज दो दिन के अंदर बैंक से 11.55 करोड़ रुपए गायब कर लिए। बताया जा रहा है कि घटनाक्रम के समयबैंक में अवकाश था और बैंक बंद था। ये घटनाक्रम 11-12मई को हुआ बताया जा रहा है।

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बैंक में साइबर हमला

हालांकि, राहत की बात यह है कि बैंक प्रबंधन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पूरी राशि को होल्ड कर लिया है और ग्राहकों का पैसा सुरक्षित बताया गया है। बैंक के चीफ इन्फॉर्मेशन सिक्योरिटी ऑफिसर (CISO) ने इस गंभीर घटना की शिकायत थाना सदर में दर्ज करवाई।

साइबर क्राइम को सौंपा मामला

इसके बाद पुलिस ने केस को साइबर क्राइम यूनिट को ट्रांसफर कर दिया है। अब इस पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय स्तर की एजेंसी CERT-In और राज्य की साइबर क्राइम टीम मिलकर करेगी।

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कौन है CERT-In?

CERT-In भारत सरकार की एक प्रमुख एजेंसी है, जो देश में होने वाले साइबर हमलों, डेटा उल्लंघनों और इंटरनेट सुरक्षा संबंधी घटनाओं की निगरानी और उनसे निपटने के लिए जिम्मेदार है। इस मामले में CERT-In की टीम शनिवार को दिल्ली से शिमला पहुंचेगी, जहां वह बैंक के डाटा सेंटर का गहन विश्लेषण करेगी।

हिम पैसा ऐप के जरिए हुई सेंधमारी?

शुरुआती जानकारी के अनुसार, 'हिम पैसा ऐप' को हैक कर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है। अब विशेषज्ञ यह पता लगाने में जुटे हैं कि ऐप की सुरक्षा में कहां चूक हुई और हैकरों ने सिस्टम तक कैसे पहुंच बनाई। इसके साथ ही यह भी जांच होगी कि क्या यह हमला किसी आंतरिक तकनीकी कमजोरी के चलते संभव हुआ।

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फिनेकल-10 सॉफ्टवेयर पर शिफ्ट होगा बैंक

बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि “यह साइबर अटैक अत्यंत गंभीर है, मगर हम सतर्क थे और समय रहते पैसा होल्ड कर लिया गया। किसी भी ग्राहक का पैसा नहीं डूबा है।” उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार के खतरे को रोकने के लिए बैंक अब इन्फोसिस के उन्नत बैंकिंग सॉफ्टवेयर ‘फिनेकल-10’ पर शिफ्ट होने जा रहा है। देश के कई अग्रणी बैंक इसी सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं।

साइबर इंश्योरेंस से होगी नुकसान की भरपाई

श्रवण मांटा ने यह भी स्पष्ट किया कि बैंक के पास साइबर इंश्योरेंस कवर मौजूद है। यदि इस घटना से किसी प्रकार की वित्तीय हानि होती है, तो बीमा के माध्यम से उसकी भरपाई सुनिश्चित की जाएगी।

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DIG साइबर क्राइम मोहित चावला ने जानकारी दी कि मामला गंभीर है और हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है। तकनीकी टीम इस बात की तह में जाएगी कि हमले की शुरुआत कहां से हुई, और नेटवर्क में कौन-कौन से सुराख का फायदा उठाया गया।

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