#राजनीति
July 1, 2025
डॉ बिंदल फिर बने हिमाचल भाजपा के सरताज, तीसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बनने वाले पहले नेता बने
2027 के मिशन की कमान संभालेंगे
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शिमला: हिमाचल प्रदेश भाजपा में लंबे समय से चले आ रहे नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर मंगलवार को विराम लग गया। डॉ. राजीव बिंदल को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है।
खास बात यह रही कि वे तीसरी बार इस पद पर आसीन हुए हैं, जिससे वह हिमाचल भाजपा के पहले ऐसे नेता बन गए हैं जिन्हें तीन बार अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह फैसला भाजपा के संगठनात्मक स्थायित्व और आगामी 2027 विधानसभा चुनावों को लेकर बनाई गई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
सोमवार को हुई नामांकन प्रक्रिया में केवल डॉ. बिंदल ने अध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरा था, जिससे उनके निर्विरोध चुने जाने की संभावना पहले ही तय हो गई थी। मंगलवार को शिमला स्थित पीटरहॉफ में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उनकी ताजपोशी की औपचारिक घोषणा की।
इस मौके पर भाजपा के कई वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस एकतरफा समर्थन से स्पष्ट है कि डॉ. बिंदल को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और कार्यकर्ताओं दोनों का व्यापक समर्थन प्राप्त है।
डॉ. राजीव बिंदल का जन्म जनवरी 1955 में हुआ था। वे पांच बार विधायक रह चुके हैं और सरकार व संगठन दोनों में अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। वर्ष 2007 में जब प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने थे, तब बिंदल को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था।
2017 में भाजपा की सत्ता में वापसी पर उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी गई थी। संगठन में बिंदल का पहला कार्यकाल जनवरी 2020 में शुरू हुआ, जो कुछ कारणों से केवल चार महीने चला। इसके बाद अप्रैल 2023 में उन्हें दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और अब तीसरी बार उन्हें पार्टी की कमान सौंपी गई है।
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को प्रदेश की सत्ता से बाहर होना पड़ा था, जिससे संगठन के भीतर मंथन का दौर शुरू हो गया था। ऐसे में डॉ. बिंदल की ताजपोशी एक संकेत है कि पार्टी नेतृत्व उन्हें भविष्य की सबसे बड़ी चुनौती 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए भरोसेमंद नेता मानता है।
अब उनके सामने संगठन को मज़बूत करना, गुटबाज़ी पर नियंत्रण रखना और कार्यकर्ताओं में जोश भरना बड़ी जिम्मेदारी होगी। साथ ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनहित के मुद्दों पर मजबूत विपक्ष की भूमिका भी निभानी होगी।
डॉ. राजीव बिंदल का अनुभव, सांगठनिक पकड़ और संघ से जुड़ाव उन्हें भाजपा के लिए एक मजबूत स्तंभ बनाता है। अब देखना होगा कि क्या वे पार्टी को फिर से सत्ता तक पहुंचा पाएंगे। लेकिन फिलहाल इतना तय है कि हिमाचल भाजपा का नया अध्याय शुरू हो चुका है, एक परिचित लेकिन नए इरादों वाले नेतृत्व के साथ।