#अपराध
July 1, 2025
मंत्री अनिरुद्ध ने घड़े से फोड़ा NHAI के मैनेजर का सिर, थाने पहुंचा मामला- यहां जानें पूरा सच
एसडीएम की मौजूदगी में घटी घटना
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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है, जहां कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के प्रोजेक्ट मैनेजर ने मारपीट जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला शिमला ग्रामीण क्षेत्र के भट्टाकुफर इलाके से जुड़ा है, जहां बीते कल सोमवार को एक पांच मंजिला इमारत गिरने की घटना के बाद मंत्री मौके पर पहुंचे थे।
NHAI के प्रोजेक्ट मैनेजर अचल जिंदल का आरोप है कि उन्हें एसडीएम शिमला ग्रामीण के कार्यालय में सोमवार सुबह 11:30 बजे मीटिंग के लिए बुलाया गया था। चूंकि एसडीएम उस समय कार्यालय में मौजूद नहीं थे, तो उन्हें और उनके साथ गए साइट इंजीनियर योगेश को भट्टाकुफर बुलाया गया, जहां मंत्री पहले से मौजूद थे।
अचल जिंदल के अनुसार, उन्होंने मंत्री को बताया कि गिरा हुआ भवन एनएच की राइट ऑफ वे से करीब 30 मीटर दूर था और यह क्षेत्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार कार्रवाई के दायरे में नहीं आता। जैसे ही यह बात उन्होंने कही, तो मंत्री अनिरुद्ध सिंह गुस्से में आ गए और कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने लगे। फिर उन्हें पास के एक कमरे में ले जाया गया, जहां स्थानीय लोगों की मौजूदगी में उनके साथ मारपीट की गई।
प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि उनके सिर पर पानी के घड़े से हमला किया गया, जिससे उन्हें गहरी चोटें आईं और खून बहने लगा। जब साइट इंजीनियर योगेश ने उन्हें बचाने की कोशिश की, तो उसे भी पीटा गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घटना के समय एसडीएम सहित कई अधिकारी मौके पर थे, लेकिन किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया।
दोनों अधिकारी किसी तरह वहां से भागकर IGMC अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है। यह मामला न केवल प्रशासनिक स्तर पर बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल पैदा कर सकता है, क्योंकि इसमें एक मौजूदा कैबिनेट मंत्री का नाम सामने आया है।
ढली थाना पुलिस ने इस मामले में गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। FIR में BNS की धारा 132, 121(1), 352, 126(2) और 3(5) लगाई गई हैं। वहीं, Central Engineering Services Officers Association ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है और उच्च स्तरीय कार्रवाई की मांग की है।
इस पूरे प्रकरण में अभी तक कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ेगा, यह राजनीतिक रूप से और भी संवेदनशील हो सकता है।