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December 4, 2025

शांत स्वभाव के जयराम, क्यों हो गए गुस्सैल... ABVP लाठीचार्ज पर CM सुक्खू ने दी सफाई

छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष में हंगामा

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धर्मशाला। हिमाचल में आखिर ऐसा क्या बदल गया कि शांत और सौम्य माने जाने वाले जयराम ठाकुर अब गुस्से में दिखाई दे रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की रैली में पुलिस और छात्रों की भिड़ंत के बाद आज विधानसभा में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बीच तीखी नोकझोक हुई। इस नोकझोक में जयराम ठाकुर ने अपने तलख तेवर दिखाए। जिस पर सीएम सुक्खू खुद नेता प्रतिपक्ष से पूछ बैठे। कभी शांत स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले जयराम आज इतने गुस्से में क्यों हैं ?

सदन में जयराम ने दिखाए तलख तेवर

दरअसल जोराबर स्टेडियम में बीते रोज एबीवीपी पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज पर आज विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने एबीवीपी पर पुलिस के लाठीचार्ज को सरकार की तानाशाही बताया और कहा कि सरकार जनता की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है।  जयराम ठाकुर के इस बदले हुए रूप और गुस्से को देख कर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा - 

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कभी शांत स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले जयराम आज इतने गुस्से में क्यों हैं ? सीएम सुक्खू ने एबीवीपी पर पुलिस के लाठीचार्ज पर अपनी सफाई दी। उनका कहना था कि सरकार सिर्फ अराजकता पर सख्त है। कानून तोड़ने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जा सकती।  जबकि नेता प्रतिपक्ष जयराम का आरोप है कि सत्ता जनता की आवाज दबाने में लगी हुई है।

 

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जयराम ठाकुर की बदलती छवि

सीएम सुक्खू ने जयराम ठाकुर पर निशाना साधते हुए उनकी बदलती छवि की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि जयराम कभी अपनी शांत, सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाते थे, लेकिन विपक्ष की कुर्सी संभालने के बाद उनका अंदाज़ अधिक आक्रामक हो गया है। सदन में उनके तेवर और सरकार पर लगातार तीखे हमले इसी बदलाव की ओर इशारा करते हैं। तर्क वितर्क लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन भाषा की मर्यादा नहीं लांघी जानी चाहिए। 

सरकार जनता की दबा रही आवाज

वहीं जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार विपक्ष को जानबूझकर उकसा रही है। एबीवीपी की रैली को अनुमति न देना, शुल्क लेकर भी अंतिम समय में कार्यक्रम स्थल बदलना और 5000 लोगों की रैली की सहमति होने के बावजूद दबाव बनाना, इन सब बातों ने माहौल को खराब किया है। जयराम का आरोप है कि सरकार इन आंदोलनों को राजनीतिक रंग देकर जनता की आवाज को दबाना चाहती है।

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ABVP प्रदर्शन बना ट्रिगर पॉइंट

ताजा विवाद ABVP के प्रदर्शन को लेकर गहराया। ओबीसी और एबीवीपी संगठन ने जोरावर में कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था, इस प्रदर्शन में भाग ले रहे छात्र छात्राओं और पुलिस की बीच भिड़ंत हो गई थी, जिसमें एबीवीपी छात्र, छात्राएं, और कुछ पुलिसकर्मी को चोटें भी आई थी।

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कार्यकर्ताओं से सीएम सख्त

सीएम सूक्खु ने कहा कि जोरावर स्टेडियम में हुए एबीवीपी की रैली के लिए किसी तरह की अनुमति नहीं दी गई थी। छात्रों का राजनीति में संघर्ष का स्वागत है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप 3 घंटे तक सड़कें जाम कर दें और आम जनता को बंधक बना लें। प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्ती विधानसभा की ओर कूच करने की कोशिश की, जिससे चलते पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी।

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अराजकता पर पुलिस को खुली छूट

प्रदर्शन के दौरान धक्का.मुक्की में दो-तीन महिला पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं। पुलिस का काम कानून व्यवस्था बनाए रखना है, अगर उन पर ही हमले होंगे तो सुरक्षा कौन करेगा? पुलिस को मजबूरन प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेलना पड़ा, ताकि स्थिति नियंत्रण से बाहर न हो। सीएम ने साफ संदेश दिया है कि सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शन के खिलाफ नहीं है, लेकिन बिना अनुमति के अराजकता फैलाने और पुलिस बल के साथ उलझने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती।

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