#राजनीति
November 19, 2025
हिमाचल : तपोवन में गर्माएगा सियासी माहौल- आपदा, सड़कें और खनन पर होंगे सवाल-जवाब
विधायकों के पास प्रश्न भेजने का आज रात तक का समय है
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शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। धर्मशाला के तपोवन में 26 नवंबर से 5 दिसंबर तक चलने वाला यह सत्र अब तक का सबसे लंबा शीतकालीन सत्र माना जा रहा है।
सत्र शुरू होने से पहले ही विधायकों की ओर से 600 से अधिक सवाल विधानसभा सचिवालय को भेजे जा चुके हैं। ये सभी सवाल ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त हुए हैं और सचिवालय इन्हें संबंधित विभागों को जवाब के लिए प्रेषित कर रहा है।
सचिवालय के मुताबिक, इस बार अधिकांश सवाल प्राकृतिक आपदा प्रबंधन, राहत वितरण और पुनर्वासन कार्यों से जुड़े हुए हैं। बीते बरसात के मौसम में प्रदेश के कई जिलों ने भयंकर भूस्खलन, बादल फटने और सड़क ढहने जैसी आपदाओं का सामना किया। विधानसभा के अधिकांश सदस्य अपने क्षेत्रीय नुकसान, अधूरे राहत पैकेज, मुआवजा प्रक्रिया और क्षतिग्रस्त सड़कों की बहाली से जुड़े मुद्दों को सदन में उठाना चाहते हैं।
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इसी के साथ ही सड़क निर्माण, पेयजल योजनाएं, स्वास्थ्य सुविधाएं, बिजली आपूर्ति और खनन से जुड़े मामलों पर भी बड़ी संख्या में प्रश्न भेजे गए हैं। अवैध खनन को लेकर प्रदेश के कई क्षेत्रों से लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं, जिसके चलते कई विधायक इस मुद्दे पर सरकार से कड़े सवाल पूछने की तैयारी में हैं। कानून-व्यवस्था की स्थिति, ट्रैफिक प्रबंधन और नशा तस्करी जैसे संवेदनशील विषय भी इस सत्र में मुख्य चर्चा में रहेंगे।
सत्र शुरू होने से पहले ही माहौल गर्म होने लगा है। विपक्ष साफ कर चुका है कि वह सरकार को आपदा प्रबंधन की कमियों, वित्तीय संकट और विकास कार्यों की सुस्ती को लेकर घेरने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा। हाल ही में सामने आए प्रशासनिक विवाद, विभागीय खामियां और जनता से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे विपक्ष के निशाने पर रहने वाले हैं।
दूसरी ओर, सत्ता पक्ष कांग्रेस सरकार की ओर से किए गए राहत कार्यों, पुनर्वासन कदमों और विकास योजनाओं को मजबूती से सदन में पेश करने की तैयारी कर रहा है। दोनों पक्षों की रणनीतियों को देखते हुए माना जा रहा है कि सदन में तीखी नोकझोंक, जवाबी बहस और कई महत्वपूर्ण खुलासे देखने को मिलेंगे।
विधानसभा सचिवालय ने 19 नवंबर रात 11:59 बजे तक तारांकित और अतारांकित प्रश्न भेजने की अंतिम तिथि तय की है। समय सीमा नजदीक होने के कारण सचिवालय में लगातार नए प्रश्नों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। अधिकारियों का अनुमान है कि प्रश्नों की कुल संख्या 700 से भी अधिक जा सकती है। अंतिम समय सीमा के बाद विधायक केवल अन्य नियमों के तहत आने वाले नोटिस ही भेज पाएंगे।