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April 14, 2025

BIRTHDAY पर ध्वाला को तोहफे में मिला कारण बताओ नोटिस, हाईकमान ने मांगे कई सवालों के जवाब

रमेश धवाला ने साधा पार्टी नेतृत्व पर निशाना

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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक अजीब घटनाक्रम तब देखने को मिला जब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रमेश धवाला को उनके जन्मदिवस के दिन पार्टी की ओर से एक 'कारण बताओ नोटिस' थमा दिया गया। बीते 12 अप्रैल शनिवार को जहां प्रदेशभर से धवाला को जन्मदिन की शुभकामनाएं मिल रही थीं, वहीं पार्टी हाईकमान की इस कार्रवाई ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।

ढाई साल से नहीं बुलाया- अब नोटिस

हालांकि, रमेश धवाला ने इस नोटिस के संदर्भ में खुलकर तो कुछ नहीं कहा लेकिन उन्होंने अपने अंदाज में तंज जरूर कसा। उन्होंने कहा, "पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने समय का चयन अच्छा किया है।"

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धवाला ने यह भी खुलासा किया कि पिछले लगभग ढाई वर्षों से उन्हें किसी भी पार्टी कार्यक्रम में न तो बुलाया गया और न ही कोई पत्राचार किया गया, न कोई संवाद, न कोई जिम्मेदारी लेकिन जन्मदिन पर पार्टी की ओर से एक नोटिस मिलना उन्हें चौंकाने के साथ-साथ खल रहा है।

सोच-समझकर दूंगा जवाब

उन्होंने यह भी साफ किया कि वह नोटिस का जवाब सोच-समझकर देंगे और फिलहाल इस पर सार्वजनिक रूप से कोई अधिक टिप्पणी नहीं करेंगे।

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धवाला ने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा जताते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा संगठन के आदेशों का पालन किया है और आगे भी करते रहेंगे लेकिन पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी उन्हें कभी स्वीकार नहीं थी और न अब होगी।

पार्टी में अंदरूनी असंतोष की झलक?

इस पूरे घटनाक्रम ने भाजपा के भीतर चल रही अंदरूनी खींचतान को उजागर कर दिया है। रमेश धवाला जैसे वरिष्ठ नेता जो कई बार विधायक और मंत्री रह चुके हैं अगर खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं तो यह पार्टी संगठन के लिए एक बड़ा संकेत हो सकता है।

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बहरहाल, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नोटिस सिर्फ एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं बल्कि पार्टी में अंदरखाते चल रही असहमति और असंतोष की एक परत को उजागर करता है। साथ ही यह सवाल भी उठता है कि क्या भाजपा आगामी चुनावों से पहले पुराने और अनुभवी चेहरों को दरकिनार करने की रणनीति पर काम कर रही है?

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