#राजनीति
December 15, 2025
सुक्खू सरकार पर कांग्रेसी महिला नेता के बड़े आरोप, बोलीं- अपमानित महसूस कर रही हूं
सुख की सरकार में कांग्रेस नेता ही परेशान
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मंडी। हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले को भाजपा का सबसे मजबूत किला माना जाता है। इस किले को भेदने के लिए अभी हाल ही में कांग्रेस सरकार ने अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा होने का जश्न मनाया था। मगर इस जश्न के तीन दिन बाद ही मंडी से कांग्रेस में बगावत की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां नगर परिषद नेरचौक की अध्यक्ष नर्वदा अभिलाषी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लंबे समय से पार्टी से जुड़ी रहीं नर्वदा अभिलाषी ने संगठन और प्रशासनिक कार्यप्रणाली को लेकर खुलकर नाराजगी जाहिर की है। यदि उन्होंने औपचारिक रूप से इस्तीफे का ऐलान किया, तो बल्ह क्षेत्र में कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। नर्वदा अभिलाषी का कहना है कि जनहित से जुड़े मामलों पर उनकी आवाज को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
न तो पार्टी नेतृत्व उनकी बातों को गंभीरता से ले रहा है और न ही प्रशासनिक अधिकारी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। उनकी नाराजगी की प्रमुख वजह डीएवी भूमि से जुड़ा विवाद बताया जा रहा है, जिसमें वे स्थानीय प्रशासन पर मनमानी और लापरवाही के आरोप लगा रही हैं। उनका दावा है कि इस मामले में हाईकोर्ट के आदेशों तक की अनदेखी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस प्रकरण को लेकर उन्होंने कई बार लिखित और मौखिक रूप से अपनी आपत्तियां और सुझाव अधिकारियों के समक्ष रखे, लेकिन किसी भी स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
इससे एक जनप्रतिनिधि के तौर पर उनकी भूमिका कमजोर हुई है और जनता के बीच उनकी विश्वसनीयता पर भी असर पड़ा है। उनका कहना है कि अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण उन्हें अपने समर्थकों और क्षेत्र की जनता को जवाब देना कठिन हो गया है।
नर्वदा अभिलाषी ने साफ कहा कि लगातार उपेक्षा और समाधान न निकलने की स्थिति में वह स्वयं को अपमानित महसूस कर रही हैं। उनके करीबी सूत्रों के अनुसार, यदि हालात नहीं बदले तो वह किसी भी समय कांग्रेस से अलग होने का फैसला सार्वजनिक कर सकती हैं। राजनीतिक रूप से नर्वदा अभिलाषी को क्षेत्र में एक मजबूत जनाधार वाला नेता माना जाता है।
वे दो बार पंचायत प्रधान और एक बार नगर परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं। उनके पति डॉ. आरके अभिलाषी भी पंचायत उपप्रधान रह चुके हैं और सामाजिक-राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तित्व माने जाते हैं। ऐसे में उनका कांग्रेस से अलग होना आगामी नगर निकाय और विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्थिति को कमजोर कर सकता है।
नर्वदा अभिलाषी ने अपनी नाराजगी से पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी को भी अवगत करवा दिया है। उनका कहना है कि यदि पार्टी नेतृत्व ने समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया और प्रशासनिक स्तर पर समाधान नहीं निकाला गया, तो कांग्रेस में बने रहने का कोई औचित्य नहीं रह जाता।