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March 11, 2025
CM सुक्खू बोले- किसी से मांगने की जरूरत ना पड़े, बिजली प्रोजेक्ट्स में हिमाचल का हिस्सा हो तय
पानी ही हिमाचल की असली संपदा, बिजली कंपनियों से हिस्सेदारी मिले तो बनेगा समृद्ध राज्य
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शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को संपदा के मामले में देश का सबसे अमीर राज्य करार दिया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के पास प्राकृतिक संसाधनों की कोई कमी नहीं है, विशेष रूप से पानी, जो राज्य की सबसे बड़ी संपदा है। यदि प्रदेश को उसके जल संसाधनों का पूरा हक मिल जाए, तो किसी अन्य स्रोत से वित्तीय सहायता की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा परिसर में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद यह बातें कहीं। उन्होंने बिजली उत्पादन को राज्य की आर्थिक मजबूती का आधार बताते हुए कहा कि हिमाचल के जल संसाधनों का सही उपयोग होने पर यह राज्य आर्थिक रूप से सबसे सशक्त प्रदेश बन सकता है।
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उन्होंने कहा कि एसजेवीएनएल (सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड) हिमाचल के जल संसाधनों से 67,000 करोड़ रुपए की कंपनी बन गई है, जबकि राज्य का वार्षिक बजट केवल 58,000 करोड़ रुपए का है। मुख्यमंत्री का कहना है कि यदि बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को जल स्रोतों के दोहन पर हिमाचल का तयशुदा हिस्सा मिले, तो राज्य को किसी अन्य सहायता की आवश्यकता नहीं होगी और यह देश का सबसे अमीर प्रदेश बन सकता है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने केंद्र सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए और कहा कि भाजपा सरकार के दौरान हिमाचल को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में केवल 3,200 करोड़ रुपए मिले, जबकि राज्य को इससे अधिक की जरूरत थी। उन्होंने बताया कि साल 2017 से जून 2022 तक ही केंद्र सरकार ने क्षतिपूर्ति दी, लेकिन उसके बाद इसे रोक दिया गया।
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उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू करने के बाद केंद्र ने हिमाचल की कर्ज लेने की सीमा में 1,600 करोड़ रुपए की कटौती कर दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पहले हर साल वैट और आबकारी कर से 3,800 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता था, लेकिन अब उद्योगों से यह राजस्व सिर्फ 200 करोड़ रुपए तक सिमट गया है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर भी महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि अगले साल से इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) शिमला और टांडा मेडिकल कॉलेज में एम्स दिल्ली की तर्ज पर आधुनिक जांच और उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे मरीजों को उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और उन्हें प्रदेश से बाहर इलाज के लिए जाने की जरूरत नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जिन शिक्षण संस्थानों में छात्रों की संख्या कम है या जहां गुणवत्ता युक्त शिक्षा नहीं मिल रही है, उन्हें अगले शैक्षणिक सत्र से बंद कर दिया जाएगा। इन संस्थानों के छात्रों को निकटवर्ती उच्च गुणवत्ता वाले संस्थानों में प्रवेश दिया जाएगा और सरकार उनके आने-जाने का खर्च भी वहन करेगी।
शिमला के राजीव गांधी महाविद्यालय में आयोजित वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री सुक्खू ने शिक्षा को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी और मशीन लर्निंग जैसे आधुनिक कोर्स शुरू किए जाएंगे।
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इसके अलावा, प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में ‘राजीव गांधी डे बोर्डिंग को-एजुकेशन स्कूल’ शुरू किए जाएंगे। इन स्कूलों में खेलकूद, इंडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम, स्विमिंग पूल और अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समग्र विकास का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन उनकी सरकार राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाया कि आने वाले वर्षों में हिमाचल न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होगा, बल्कि देश के सबसे समृद्ध राज्यों की श्रेणी में भी खड़ा होगा।