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March 11, 2025

हिमाचल: एशिया की सबसे लंबी सुरंग बनकर तैयार, अजूबे से कम नहीं- यहां जानें डिटेल

पार्वती प्रोजेक्ट की 32 किलोमीटर लंबी हाइड्रो टनल तैयार

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HIMACHAL NEWS

कल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में NHPC (नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन) द्वारा तैयार की गई 32 किलोमीटर लंबी हाइड्रो टनल अब पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। यह टनल एशिया की सबसे लंबी हाइड्रो टनल मानी जाती है और इसके निर्माण में बीते 25 वर्षों का समय लगा। 

मनिहार नाले के पानी से भरने की प्रक्रिया शुरू

अब, इस टनल को मनिहार नाले के पानी से भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और पार्वती प्रोजेक्ट के हैड रेस टनल के आखिरी गेट को भी बंद कर दिया गया है। इस परियोजना के पूरा होने से NHPC  के लिए ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हो रही है।

 

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इंजीनियरिंग के लिए एक अजूबा

पार्वती हाइड्रो प्रोजेक्ट की इस टनल का निर्माण बेहद चुनौतीपूर्ण था। एशिया की सबसे लंबी हाइड्रो टनल को माइनस डिग्री के तापमान में बनाना कोई आसान काम नहीं था। मजदूरों और इंजीनियरों ने अपने कठिन श्रम और समर्पण से इस टनल को बनाया। मजदूर यूनियन एटक के नेता ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि टनल के अंदर खुदाई का कार्य न केवल शारीरिक रूप से कठिन था, बल्कि कई बार मानसिक दबाव भी बहुत ज्यादा था। हालांकि, इन चुनौतियों के बावजूद, सभी ने मिलकर इस कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया।

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800 मेगावाट बिजली उत्पादन की उम्मीद

पार्वती प्रोजेक्ट का यह नया चरण एनएचपीसी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इससे लगभग 800 मेगावाट बिजली उत्पादन की संभावना बन रही है। इस परियोजना के तहत, पार्वती नदी के पानी को इस टनल के माध्यम से स्टोर किया जाएगा, जिससे बिजली का उत्पादन किया जाएगा। अब, इस प्रोजेक्ट की ट्रायल प्रक्रिया भी होली के बाद शुरू की जाएगी, और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी तकनीकी पहलू सही तरीके से काम कर रहे हैं। 

 

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NHPC का वैश्विक दिशा में एक कदम

भारत सरकार से नवरत्न का दर्जा प्राप्त NHPC अब वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। इस परियोजना के जरिए न केवल देश के ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि यह भारत की तकनीकी क्षमताओं को भी साबित करेगा।  पार्वती प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में 32 किलोमीटर लंबी हाइड्रो टनल का निर्माण भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है और इससे NHPC के लिए नए अवसरों की राह खुलने वाली है।

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