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July 9, 2025

सीएम सुक्खू की कंगना सहित BJP नेताओं को नसीहत, राजनीति करने से अच्छा जिम्मेदारी निभाएं

भाजपा सांसद पीड़ितों को घर बनाने के लिए केंद्र से वन भूमि ट्रांसफर की अनुमति मांगे

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CM Sukhu comment kangana

मंडी। एक तरफ हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश की सियासत में गर्माहट भी देखने को मिल रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे भाजपा नेता अकसर कांग्रेस सरकार पर राहत कार्यों में ढील के आरोप लगा रहे हैं। आज मंडी जिला के सराज दौरे पर आए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन भाजपा नेताओं को सख्त नसीहत दे दी है। सीएम सुक्खू ने साफ कहा है कि यह समय राजनीति करने का नहीं है।

सीएम ने राहत शिविर में किया भोजन

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित बगश्याड़ गांव में दौरे के दौरान राहत कार्यों की समीक्षा की। सीएम सुक्खू ने पीड़ितों से मुलाकात की और दोपहर का भोजन राहत शिविर में उनके साथ किया। इस दौरान सीएम सुक्खू ने भाजपा नेताओं और खासकर मंडी की सांसद कंगना रनौत को सख्त नसीहत दी है।

 

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यह समय राजनीति चमकाने का नहीं

मुख्यमंत्री सुक्खू ने सीधे शब्दों में भाजपा नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि इस मुश्किल घड़ी में राजनीति करने से बचें। उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ नेता सराज में सरकार को कोस रहे हैं कि कुछ नहीं हो रहा, जबकि हकीकत यह है कि युद्धस्तर पर सड़कें खोली जा रही हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जब हेलिकॉप्टर की मांग की तो उन्हें सेना का हेलिकॉप्टर तत्काल उपलब्ध करवाया गया। सीएम सुक्खू ने कहा कि वह लगातार जयराम ठाकुर के संपर्क में हैं और राहत कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है।

 

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कंगना रनौत को सख्त नसीहत

सीएम सुक्खू का निशाना मंडी से नवनिर्वाचित सांसद कंगना रनौत पर भी रहा। उन्होंने कहा कि कंगना को मंडी की जनता ने भारी बहुमत से चुना है, अब यह उनका कर्तव्य है कि वह केंद्र सरकार से अधिक से अधिक राहत लेकर आएं। यह समय बयानबाजी और सोशल मीडिया की राजनीति का नहीं है, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने का है। इस समय बाढ़ पीड़ित लोगों को राहत दिलाने में उन्हें आगे आना चाहिए।

 

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वन भूमि को लेकर केंद्र पर तंज

सुक्खू ने वन भूमि को लेकर भी भाजपा और केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 68 प्रतिशत भूमि वन क्षेत्र में आती है और महज 32 प्रतिशत भूमि पर 70 लाख की आबादी निवास कर रही है। ऐसे में यदि प्रभावितों को पुनर्वास देना है तो केंद्र सरकार को वन भूमि ट्रांसफर की अनुमति देनी होगी। सांसदों का यह दायित्व है कि वे इस संबंध में केंद्र से अनुमति दिलवाएं।

घर बनाने को देंगे सात लाख 

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बगश्याड़ में घोषणा करते हुए कहा कि जिन लोगों के मकान बादल फटने से बहे हैं, उन्हें सरकार 7 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देगी ताकि वे दोबारा अपने घर बना सकें। इसके लिए कैबिनेट बैठक में जल्द प्रस्ताव लाया जाएगा। इसके अलावा जिनकी गायें आपदा में मारी गई हैं, उन्हें 50 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी।

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नदी-नालों के किनारे न बनाएं घर

मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वे भविष्य में अपने घर नदी.नालों से कम से कम 50 से 100 मीटर दूर बनाएं। उन्होंने कहा कि बादल फटने जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं और यह खतरा अब आम होता जा रहा है।  मुख्यमंत्री सुक्खू का यह दौरा जहां राहत कार्यों की समीक्षा और पीड़ितों के लिए घोषणाओं से भरपूर रहा, वहीं भाजपा और कंगना रनौत पर उनका सियासी हमला भी सुर्खियों में रहा। 

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